Indian Students in Georgia: विदेश में MBBS करने जाना भारतीयों के बीच कई सालों से पॉपुलर रहा है। इसकी मुख्य वजह भारत में मेडिकल सीटों की कम संख्या है, जिसकी वजह से हर साल हजारों भारतीय देश से बाहर डॉक्टर बनने चले जाते हैं। आमतौर पर भारतीयों के बीच मेडिकल की पढ़ाई के लिए रूस और यूक्रेन जैसे देश पॉपुलर रहे हैं, क्योंकि यहां उन्हें   यूरोपियन स्टैंडर्ड की एजुकेशन कम दाम में मिल जाती है। लेकिन अब यूरोप का एक छोटा सा देश भी MBBS के लिए पॉपुलर हो रहा है।   
      
   
इस देश की पॉपुलैरिटी का अंदाजा कुछ यूं लगाया जा सकता है कि पिछले 5 सालों में यहां भारत से पढ़ने के लिए भेजे गए पैसे में 387% का इजाफा देखने को मिला है। दरअसल, 'लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम' ( LRS) के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक डाटा रिलीज किया है, जिसमें बताया गया है कि भारतीयों ने 2024-25 में एजुकेशन के लिए यूरोपीय देश जॉर्जिया में 50.25 मिलियन डॉलर (लगभग 450 करोड़ रुपये) भेजे हैं, जबकि 2018-19 में सिर्फ 90 करोड़ रुपये भेजे गए थे।
   
जॉर्जिया में MBBS की फीस कितनी है?
2019 में जॉर्जिया में भारतीय छात्रों की संख्या 4,148 थी, जो 2023 में बढ़कर 10,470 हो चुकी है। इस देश में आपको किफायती दाम में MBBS करने का मौका भी मिलता है। यहां पर मेडिकल कोर्सेज की सालाना फीस 3.50 लाख से 6 लाख रुपये के बीच है। छह साल में आप बटुमी शोटा रुस्तवेली स्टेट यूनिवर्सिटी और अकाकी त्सेरेटेली स्टेट यूनिवर्सिटी से 21 लाख रुपये में MBBS कर लेंगे, जबकि डेविड त्विल्डियानी मेडिकल यूनिवर्सिटी से मेडिकल कोर्स करने का खर्च 40 लाख रुपये है।
   
जॉर्जिया की पॉपुलैरिटी की वजह क्या है?
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अब भारतीय छात्र इन दोनों ही देशों में पढ़ने जाने से बच रहे हैं। इस वजह से जॉर्जिया उनकी पहली पसंद बन रहा है। जॉर्जिया को उसके फिजियोथेरेपी और पैरामेडिकल कोर्सेज के लिए जाना जाता है। कम फीस की वजह से अब यहां पर MBBS कोर्स भी पॉपुलर हो रहा है। अंग्रेजी में पढ़ाई, आसान वीजा प्रोसेस और यूरोप से करीबी की वजह से भारतीयों के बीच जॉर्जिया ज्यादा पॉपुलर हुआ है। बहुत से स्टूडेंट्स यूक्रेन से सीधे जॉर्जिया में पढ़ने जा रहे हैं।
   
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने इस बात पर जोर दिया है कि जॉर्जिया की यूनिवर्सिटीज सुरक्षित माहौल और पढ़ाई के बाद रोजगार के अवसर मुहैया कराती हैं। इस वजह से भारतीय यहां जाना चाहते हैं। किफायती शिक्षा पहले से ही भारतीयों की प्राथमिकता रही है और जॉर्जिया इसमें बिल्कुल फिट बैठता है।
  
इस देश की पॉपुलैरिटी का अंदाजा कुछ यूं लगाया जा सकता है कि पिछले 5 सालों में यहां भारत से पढ़ने के लिए भेजे गए पैसे में 387% का इजाफा देखने को मिला है। दरअसल, 'लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम' ( LRS) के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक डाटा रिलीज किया है, जिसमें बताया गया है कि भारतीयों ने 2024-25 में एजुकेशन के लिए यूरोपीय देश जॉर्जिया में 50.25 मिलियन डॉलर (लगभग 450 करोड़ रुपये) भेजे हैं, जबकि 2018-19 में सिर्फ 90 करोड़ रुपये भेजे गए थे।
जॉर्जिया में MBBS की फीस कितनी है?
2019 में जॉर्जिया में भारतीय छात्रों की संख्या 4,148 थी, जो 2023 में बढ़कर 10,470 हो चुकी है। इस देश में आपको किफायती दाम में MBBS करने का मौका भी मिलता है। यहां पर मेडिकल कोर्सेज की सालाना फीस 3.50 लाख से 6 लाख रुपये के बीच है। छह साल में आप बटुमी शोटा रुस्तवेली स्टेट यूनिवर्सिटी और अकाकी त्सेरेटेली स्टेट यूनिवर्सिटी से 21 लाख रुपये में MBBS कर लेंगे, जबकि डेविड त्विल्डियानी मेडिकल यूनिवर्सिटी से मेडिकल कोर्स करने का खर्च 40 लाख रुपये है।
जॉर्जिया की पॉपुलैरिटी की वजह क्या है?
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अब भारतीय छात्र इन दोनों ही देशों में पढ़ने जाने से बच रहे हैं। इस वजह से जॉर्जिया उनकी पहली पसंद बन रहा है। जॉर्जिया को उसके फिजियोथेरेपी और पैरामेडिकल कोर्सेज के लिए जाना जाता है। कम फीस की वजह से अब यहां पर MBBS कोर्स भी पॉपुलर हो रहा है। अंग्रेजी में पढ़ाई, आसान वीजा प्रोसेस और यूरोप से करीबी की वजह से भारतीयों के बीच जॉर्जिया ज्यादा पॉपुलर हुआ है। बहुत से स्टूडेंट्स यूक्रेन से सीधे जॉर्जिया में पढ़ने जा रहे हैं।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने इस बात पर जोर दिया है कि जॉर्जिया की यूनिवर्सिटीज सुरक्षित माहौल और पढ़ाई के बाद रोजगार के अवसर मुहैया कराती हैं। इस वजह से भारतीय यहां जाना चाहते हैं। किफायती शिक्षा पहले से ही भारतीयों की प्राथमिकता रही है और जॉर्जिया इसमें बिल्कुल फिट बैठता है।
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