शहद प्राकृतिक मिठास का एक अनमोल तोहफा है, जिसका इस्तेमाल सदियों से दवाओं और खाने-पीने में किया जाता रहा है। पर क्या आप जानते हैं कि शहद की भी एक निश्चित एक्सपायरी डेट होती है? अक्सर लोग मानते हैं कि शहद कभी खराब नहीं होता, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो सही भंडारण न होने पर शहद में बदलाव आ सकता है। इस लेख में हम शहद की एक्सपायरी डेट, उसे सुरक्षित रखने के तरीके और इसके स्वास्थ्य लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
शहद की एक्सपायरी डेट: मिथक और सच्चाई
शहद एक प्राकृतिक प्रिज़र्वेटिव की तरह काम करता है, जिसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। सही तरीके से संग्रहित शहद दशकों तक सुरक्षित रह सकता है। हालांकि, खुला रखा गया या नमी के संपर्क में आने वाला शहद जल्दी खराब हो सकता है। जब शहद में नमी घुस जाती है, तो उसमें खमीर सक्रिय हो सकता है, जिससे उसकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है। इसलिए, शहद की पैकेट पर दी गई एक्सपायरी डेट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
शहद को सही कैसे रखें?
शहद को हमेशा एयरटाइट कंटेनर में रखें ताकि उसमें नमी न पहुंचे।
इसे ठंडे और सूखे स्थान पर रखें, डायरेक्ट धूप से बचाएं।
शहद को फ्रिज में रखने से वह कठोर हो सकता है, इसलिए सामान्य तापमान पर स्टोर करना बेहतर होता है।
शहद के स्वास्थ्य लाभ
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है: शहद में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
गले की खराश और खांसी में राहत: शहद का सेवन गले की सूजन और खांसी में तुरंत आराम दिलाता है।
त्वचा की देखभाल: शहद में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा की सफाई और नमी बनाए रखने में सहायक हैं।
पाचन सुधारता है: शहद पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज जैसी समस्या से राहत देता है।
ऊर्जा का स्रोत: शहद शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है, खासकर व्यायाम के बाद।
क्या शहद का अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है?
शहद प्राकृतिक होने के बावजूद, इसका अत्यधिक सेवन नुकसानदेह हो सकता है। विशेष रूप से डायबिटीज़ रोगियों को शहद का सेवन नियंत्रित मात्रा में ही करना चाहिए। इसके अलावा, एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद देना उचित नहीं माना जाता क्योंकि इससे बोटुलिज्म का खतरा हो सकता है।
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