चकौड़ा एक औषधीय पौधा है, जो अपनी अद्भुत गुणों के लिए जाना जाता है। यह पौधा आमतौर पर पहली बारिश के बाद अपने आप उगने लगता है और इसे प्राकृतिक तोहफा भी कहा जाता है। चकौड़ा का पौधा भले ही देखने में साधारण सा हो, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ बहुत प्रभावशाली हैं। हालांकि, अब यह पौधा दुर्लभ हो चुका है और विलुप्त होने की कगार पर है। चलिए जानते हैं इस खास पौधे के लाभों के बारे में।
चकौड़ा के पौधे का इस्तेमाल कैसे किया जाता है:
1. स्किन प्रॉब्लम्स के लिए लाभकारी
चकौड़ा के पत्तों का पेस्ट चेहरे पर लगाने से पिंपल्स और एक्ने की समस्या में राहत मिलती है। इसके पत्ते एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होते हैं, जो स्किन इंफेक्शन को ठीक करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, चकौड़ा के बीजों को पीसकर फंगल इंफेक्शन पर भी लगाया जा सकता है। बीजों को सुखाकर पाउडर बना लें और उसमें नारियल तेल मिला कर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
2. मेटाबॉलिक डिसऑर्डर में उपयोगी
मेटाबॉलिज्म को मजबूत बनाए रखना एक हेल्दी शरीर के लिए जरूरी होता है। यह पौधा मेटाबॉलिज्म को सुधारने में मदद करता है, जिससे आप मौसमी बीमारियों और वायरल इंफेक्शन्स से बच सकते हैं। चकौड़ा के बीजों का पाउडर डायबिटीज, थायराइड और पीसीओडी जैसी समस्याओं में बहुत लाभकारी होता है। इसका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन इसके फायदे अद्वितीय होते हैं।
3. माइग्रेन में राहत
माइग्रेन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए चकौड़ा बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके ताजे बीजों को पीसकर उनका पेस्ट बनाकर माथे पर लगाने से माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है।
4. आंखों के लिए भी फायदेमंद
आंखों की समस्याओं से निजात पाने के लिए चकौड़ा का रस बहुत फायदेमंद है। इसे बनाने के लिए चकौड़े के पत्ते, हल्दी, काली हल्दी और कूठ को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण में नींबू का रस मिलाकर छान लें। इससे आंखों को साफ करने में मदद मिलती है।
कहां पाए जाते हैं चकौड़ा के पौधे:
चकौड़ा का पौधा पूरे देश में पाया जाता है, खासकर झाड़ियों, खेतों और मैदानों में। यह पौधा शहरों में भी सड़क किनारे और नालों के पास उगता है। चकौड़ा का पौधा ज्यादा बड़ा नहीं होता और इसका फल सबसे पहले जुलाई के महीने में उगता है, जबकि इसके फल नवंबर में पकते हैं।
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