बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम की समस्या आम हो जाती है। खासकर अक्टूबर से फरवरी के बीच जब तापमान में गिरावट आती है, तब गले में खराश, नाक बंद और खांसी जैसे लक्षण अधिक देखने को मिलते हैं। ऐसे में परंपरागत आयुर्वेदिक उपायों की ओर रुख किया जाता है। अलसी (फ्लैक्ससीड) और गोंद (एडिबल गम) दो ऐसे ही प्राकृतिक पदार्थ हैं जो इस मौसम में बेहद फायदेमंद माने जाते हैं।
हालांकि, हर व्यक्ति के शरीर की प्रकृति अलग होती है, और कुछ विशेष स्थितियों में इनका सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि किन लोगों के लिए अलसी-गोंद वरदान हैं और किनके लिए परहेज जरूरी है।
सर्दी-जुकाम में कैसे काम आते हैं अलसी और गोंद?
1. अलसी (Flax Seeds):
अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड, लिगनान्स और फाइबर से भरपूर होती है। यह गले की खराश कम करने, शरीर को गर्म रखने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करती है।
2. गोंद (Edible Gum):
गोंद, विशेषकर ‘गोंद कतीरा’ या ‘बबूल गोंद’, शरीर को ठंड से बचाने और खांसी-जुकाम में राहत देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सर्दियों में गोंद के लड्डू बहुत लोकप्रिय होते हैं।
किसे मिलते हैं फायदे?
ठंड में जल्दी बीमार पड़ने वाले: जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उनके लिए अलसी और गोंद शरीर को गर्म और सक्रिय रखने में कारगर हैं।
खांसी व गले की खराश से परेशान लोग: अलसी का काढ़ा या गोंद के लड्डू इन लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
जोड़ों के दर्द में राहत: गोंद में सूजनरोधी गुण होते हैं, जो सर्दियों में होने वाले जोड़ों के दर्द को कम कर सकते हैं।
इन 5 लोगों को करना चाहिए परहेज
गर्भवती महिलाएं:
अलसी में उपस्थित लिगनान्स गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल असंतुलन उत्पन्न कर सकते हैं। बिना चिकित्सकीय सलाह इसका सेवन न करें।
हार्मोनल समस्या वाले व्यक्ति (PCOD/थायरॉइड):
अलसी के एस्ट्रोजन जैसे प्रभाव कुछ हार्मोनल बीमारियों में समस्या बढ़ा सकते हैं।
गठिया या यूरिक एसिड के मरीज:
गोंद की तासीर गर्म होती है, जिससे गठिया व यूरिक एसिड की परेशानी बढ़ सकती है।
मोटापे से परेशान लोग:
गोंद के लड्डू कैलोरी में अत्यधिक होते हैं। वज़न घटाने की चाह रखने वाले लोगों को सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर या ब्लड थिनर दवाएं लेने वाले मरीज:
अलसी खून को पतला करने का काम करती है, जिससे इन दवाओं के प्रभाव में टकराव हो सकता है।
सही सेवन का तरीका
अलसी: भुनी हुई अलसी को पाउडर बनाकर सुबह गर्म पानी के साथ एक चम्मच लें।
गोंद: घर में बने गोंद लड्डू सीमित मात्रा में (1 लड्डू/दिन) सर्दियों में लें।
काढ़ा: अलसी का काढ़ा बनाकर इसमें शहद मिलाकर सेवन करें।
विशेषज्ञ की राय
आयुर्वेदाचार्य डॉ. कहती हैं:
“अलसी और गोंद दोनों ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सक्षम हैं, लेकिन हर किसी की शारीरिक स्थिति के अनुसार इनका सेवन जरूरी नहीं। सही मात्रा और सही समय पर लिया गया आयुर्वेदिक आहार ही लाभकारी होता है।”
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