पाकिस्तान आर्मी के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब उसकी सबसे अहम यूनिट के एक अफसर मेजर मुईज की दक्षिणी वजीरिस्तान के सरगोगा इलाके में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों ने बेहद नृशंस तरीके से हत्या कर दी। आतंकवाद से जूझते पाकिस्तान में, यह खबर सिर्फ सेना के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरे सदमे जैसी है।
अचानक हुआ घातक हमला
सूत्रों के मुताबिक, मेजर मुईज 6 कमांडो बटालियन का हिस्सा थे और बेहद संवेदनशील मिशन के तहत सरगोगा इलाके में ऑपरेशन के लिए पहुंचे थे। तभी आतंकवादियों ने सुनियोजित तरीके से घात लगाकर हमला कर दिया। अटैक इतना तेज और अप्रत्याशित था कि मेजर मुईज की मौके पर ही मौत हो गई। इस हमले में पाकिस्तान सेना के लांस नायक जिब्रानउल्लाह ने भी अपनी जान गंवा दी।
वो ही मुईज, जिसने किया था अभिनंदन को पकड़ने का दावा
मेजर मुईज का नाम 2019 में भारत के खिलाफ एक सैन्य ऑपरेशन के दौरान सुर्खियों में आया था। उस समय उन्होंने भारतीय वायुसेना के जांबाज विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ने का दावा किया था। चकवाल (पंजाब प्रांत) के मूल निवासी मेजर मुईज अब पाकिस्तान के लिए 'शहीद' घोषित किए जा चुके हैं।
ऑपरेशन के लिए पहुंचे थे जांबाज
पाकिस्तान सेना की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, विश्वसनीय खुफिया सूचना के आधार पर मेजर मुईज और लांस नायक जिब्रानउल्लाह सरगोगा इलाके में चल रहे ऑपरेशन में शामिल होने के लिए भेजे गए थे। लेकिन आतंकियों ने उनके पहुंचते ही हमला कर दिया, जिसमें दोनों की मौत हो गई। यह हमला पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान की सुरक्षा रणनीति पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मेजर मुईज की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मेजर के बलिदान को सेना और देश के लिए अत्यंत मूल्यवान बताया।
पीछे छूट गया परिवार, टूटे सपने
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेजर मुईज अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। उनका परिवार अब ना सिर्फ एक बेटा, पति और पिता खो चुका है, बल्कि देश ने एक जांबाज़ सिपाही खोया है।
2 साल में 1200 से ज्यादा जवानों की जान गई
दक्षिण एशिया टेररिज्म पोर्टल (SATP) के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 और 2025 में पाकिस्तान में अब तक 1200 से ज्यादा सैन्यकर्मी आतंकी हमलों में मारे जा चुके हैं। अकेले 2024 में 754 जवानों की मौत हुई, जबकि 2025 में अब तक यह आंकड़ा 500 तक पहुंच चुका है। बीएलए, बीटीपी और टीटीपी जैसे संगठनों ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और सेना लगातार उनके निशाने पर है।
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