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22 दिनों में 3.6 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा अमरनाथ के दर्शन, सुरक्षा के साये में जारी है यात्रा

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श्रीनगर । बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा इस वर्ष भी पूर्ण अनुशासन और व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच निरंतर जारी है। अब तक कुल 22 दिनों में 3.6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने हिमलिंग स्वरूप में बाबा बर्फानी के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया है। अधिकारियों के अनुसार यात्रा पूरी तरह से शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से संचालित हो रही है, जिसमें श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।

शनिवार को जम्मू स्थित भगवती नगर यात्री निवास से 2,324 श्रद्धालुओं का नया जत्था दो सुरक्षा काफिलों के साथ कश्मीर घाटी की ओर रवाना हुआ। इस जत्थे में शामिल यात्रियों को पूरी तरह से सुरक्षा घेरे में उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन ने बताया कि सुबह 3:25 बजे 34 वाहनों का पहला काफिला 741 श्रद्धालुओं को लेकर बालटाल आधार शिविर की ओर रवाना हुआ, वहीं सुबह 3:45 बजे 58 वाहनों में सवार 1,583 श्रद्धालु पहलगाम आधार शिविर की ओर निकले।


इस वर्ष अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं। हाल ही में पहलगाम क्षेत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा की गई निर्मम घटना, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, ने सुरक्षा को और अधिक सख्त बना दिया है। इसी के मद्देनज़र 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और जम्मू-कश्मीर पुलिस की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तैनात किया गया है।

पूरे यात्रा मार्ग – चाहे वह जम्मू से गुफा मंदिर की ओर हो या दोनों आधार शिविरों तक – में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। सभी ट्रांजिट कैंप, चेकपोस्ट और संवेदनशील स्थानों को पूर्ण रूप से सुरक्षित किया गया है, जिससे यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा या खतरा न हो।

यात्रा के दो प्रमुख मार्ग – पहलगाम और बालटाल – में से पहलगाम मार्ग अपेक्षाकृत लंबा है, जिसमें श्रद्धालु चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी होते हुए लगभग 46 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूरी कर बाबा के दर्शनों तक पहुंचते हैं। इसमें लगभग चार दिन का समय लगता है। वहीं बालटाल मार्ग से केवल 14 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है, जिससे यात्री एक ही दिन में दर्शन कर लौट सकते हैं।

इस वर्ष सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिससे सभी यात्रियों को केवल पैदल ही यात्रा करनी पड़ रही है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं देखी जा रही, और वे पूरी श्रद्धा व विश्वास के साथ कठिन मार्गों को पार कर बाबा के दरबार तक पहुंच रहे हैं।

अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 3 जुलाई से प्रारंभ हुई है और 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा तथा रक्षाबंधन के दिन सम्पन्न होगी। यह यात्रा हिंदू आस्था का एक गहन प्रतीक मानी जाती है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इसी पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता और सृष्टि के रहस्यों का उपदेश दिया था।

भक्तों के लिए यह यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन के गूढ़ सत्य से साक्षात्कार का अवसर भी है। हिमालय की गोद में स्थित यह गुफा, श्रद्धा, साहस और आध्यात्मिक चेतना का अद्वितीय संगम है, जो हर वर्ष लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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