हरिद्वार, 28 अप्रैल . उत्तराखंड के तीर्थ स्थल हरिद्वार में चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया सोमवार सुबह 7 बजे से ऋषिकुल मैदान में शुरू हो गई है. इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है. सुबह से ही तीर्थयात्री लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर अपने पंजीकरण की प्रतीक्षा करते नजर आए.
ऋषिकुल मैदान में स्थापित चारधाम यात्रा पंजीकरण केंद्र पर इस बार विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए 20 काउंटर स्थापित किए गए हैं. इनमें से 18 काउंटर सामान्य पुरुष और महिला श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित हैं, जबकि विशेष रूप से दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिकों और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग काउंटर खोला गया है. इस व्यवस्था से सभी श्रेणियों के तीर्थयात्रियों को सहूलियत मिलने की उम्मीद है.
पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ऋषिकुल मैदान में व्यापक इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने कहा, “20 काउंटरों वाला पंजीकरण केंद्र स्थापित किया गया है, जिसमें तीन काउंटर विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों और विदेशी पर्यटकों के लिए नामित हैं. हमारा उद्देश्य सभी तीर्थयात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा अनुभव प्रदान करना है. पंजीकरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है.”
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं. पंजीकरण केंद्र पर पानी, छाया और बैठने की व्यवस्था की गई है ताकि तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इसके अलावा, मेडिकल सुविधाएं और पुलिस बल की तैनाती भी की गई है ताकि किसी आपात स्थिति से निपटा जा सके.
पंजीकरण केंद्र पर पहुंचे एक तीर्थयात्री रमेश कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मैं पहली बार चारधाम यात्रा पर जा रहा हूं. ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया आसान रही और अब मैं अपनी यात्रा शुरू करने के लिए तैयार हूं.”
हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड में चारधाम यात्रा करते हैं. चारधाम यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल हैं. इस वर्ष भी यात्रा को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है. प्रशासन का दावा है कि इस बार यात्रा को और व्यवस्थित करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इसके साथ ही, यात्रा मार्गों पर सुरक्षा, आवास और अन्य सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है.
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एकेएस/एएस
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