न्यूयॉर्क, 22 सितंबर . अफ्रीकी संघ (एयू), यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र के नेताओं ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बैठक की और आज की चुनौतियों से निपटने के सबसे प्रभावी तरीके के रूप में बहुपक्षवाद के प्रति समर्थन दोहराया.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में एयू आयोग के अध्यक्ष महमूद अली यूसुफ, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हिस्सा लिया.
यह बैठक 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अवसर पर हुई, जिसमें तीनों संगठनों के सचिवालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे.
एक संयुक्त विज्ञप्ति में तीनों संगठनों ने आज की चुनौतियों से निपटने के सबसे प्रभावी तरीके के रूप में बहुपक्षवाद के प्रति अपने समर्थन को दोहराया.
इसके साथ ही, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और मानवाधिकार कानून के प्रति अनादर की बढ़ती घटनाओं की निंदा की और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के पालन के महत्व पर बल दिया.
उन्होंने अफ्रीका में शांति प्रयासों पर चर्चा की, जिसमें सूडान में युद्ध समाप्त करने की अनिवार्यता भी शामिल थी. आतंकवादी सशस्त्र समूहों के विरुद्ध लड़ाई को मजबूत करने, सहेल में सुलह और विकास को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा की गई.
तीनों संगठनों ने लीबिया में Political प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के रोडमैप के प्रति अपने समर्थन की पुष्टि की.
उन्होंने पूर्वी डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में चल रही अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति पहलों का समर्थन व्यक्त किया. इसके अलावा, तीनों संगठनों ने सोमालिया में अफ्रीकी संघ समर्थन और स्थिरीकरण मिशन के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की और अफ्रीका व अन्य क्षेत्रों में उभरती चुनौतियों से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए शांति अभियानों की समीक्षा पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
तीनों संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2,719 के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया, जिसमें अफ्रीकी संघ के नेतृत्व वाले शांति समर्थन अभियानों के लिए प्रत्येक मामले के आधार पर अनुमानित वित्त पोषण पर चर्चा की गई.
इस प्रस्ताव में अफ्रीका में स्थायी शांति को बढ़ावा देने और विकास को गति देने के लिए अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई है. साथ ही साथ, विकास के लिए वित्त पोषण को अनलॉक करने, निवेश को बढ़ावा देने और विकासशील देशों की ऋण चुनौतियों का समाधान करने के लिए सेविला प्रतिबद्धता को लागू करने के महत्व को रेखांकित किया गया है.
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में जी20 के भीतर ऋण के असह्य स्तरों को दूर करने और बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार के लिए और प्रगति का आह्वान किया.
उन्होंने दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न हो रहे व्यवधानों पर भी चिंता व्यक्त की, जो सबसे कमजोर आबादी को असमान रूप से प्रभावित कर रहे हैं. इसके अलावा, उन्होंने ब्राजील में 10 से 21 नवंबर तक होने वाले कॉप-30 में महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताओं का आह्वान किया.
संयुक्त विज्ञप्ति के अनुसार, तीनों संगठन 2026 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 81वें सत्र के अवसर पर एक बार फिर से एकत्रित होने पर सहमत हुए.
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डीसीएच/एबीएम
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