Next Story
Newszop

मध्य प्रदेश के नीमच में विश्वकर्मा योजना से गोपाल की बदली जिंदगी, परेशानियों से उबरने में मिली मदद

Send Push

नीमच, 22 अप्रैल . केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना ने देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की जिंदगी बदल दी है. इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ उन्हें आत्मनिर्भर बनाना, बल्कि उनके हुनर को प्रोत्साहन देकर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना भी है.

मध्य प्रदेश के नीमच जिले के दुदरसी गांव के गोपाल गायरी ने बताया कि वह पिछले 10 साल से राजमिस्त्री (मकान निर्माण) के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, लेकिन आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी के चलते वह अपने कार्य को आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे. लेकिन पीएम विश्वकर्मा योजना ने उनकी जिंदगी को एक नया मोड़ दे दिया. इस योजना के अंतर्गत गोपाल जी को पहले सात दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसके साथ उन्हें चार हजार रुपए की ट्रेनिंग सहायता राशि भी प्रदान की गई.

इसके बाद योजना के तहत उन्हें एक लाख रुपए का लोन भी बैंक के माध्यम से प्राप्त हुआ. इस आर्थिक सहयोग से उन्होंने अपने निर्माण कार्य के लिए आवश्यक उपकरण और सामग्री खरीदी तथा अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया.

गोपाल गायरी बताते हैं कि पहले उनका परिवार बहुत परेशानियों में था. लेकिन, इस योजना से न सिर्फ आर्थिक मदद मिली, बल्कि ट्रेनिंग और नई जानकारी भी मिली जिससे उन्होंने अपने काम को बेहतर तरीके से बढ़ाया. अब घर की स्थिति सुधरी है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम जैसे छोटे काम करने वालों का ख्याल रखा, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.”

उल्लेखनीय है कि पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत बढ़ई, लोहार, राज मिस्त्री, सुनार, कुम्हार, दर्जी, नाई, मोची, मूर्तिकार, खिलौना निर्माता जैसे पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े हजारों लोगों को आर्थिक सहायता और कौशल विकास का लाभ मिल रहा है. योजना की शुरुआत 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर की गई थी, जो भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. गोपाल जैसे लाखों लोग आज आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और इसके लिए वह प्रधानमंत्री मोदी का आभार जता रहे हैं.

पीएसके/एकेजे

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now