New Delhi, 18 जुलाई . ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क अपने 100वें टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया. पूर्व क्रिकेटर रिकी पोंटिंग ने उनकी गेंदबाजी की तारीफ की.
पोंटिंग ने 2012 के भारत-ऑस्ट्रेलिया दौरे का जिक्र किया, खासकर पर्थ टेस्ट में स्टार्क के स्पैल को याद करते हुए, जहां उन्होंने सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज को अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया था. पोंटिंग ने कहा कि उस स्पैल ने स्टार्क की असाधारण प्रतिभा और भविष्य में महानता की क्षमता को स्पष्ट कर दिया था.
जमैका में गुलाबी गेंद से खेले गए टेस्ट मैच में मिचेल स्टार्क ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए मात्र 15 गेंदों में 5 विकेट लिए और 6/9 के आंकड़े के साथ वेस्टइंडीज को 27 रन पर समेट दिया, जो टेस्ट क्रिकेट इतिहास का दूसरा सबसे कम स्कोर है.
इस शानदार प्रदर्शन ने उनकी गति, स्विंग और आक्रामकता को दर्शाया. रिकी पोंटिंग ने 2012 के (पर्थ) टेस्ट की दूसरी पारी का जिक्र किया, जहां स्टार्क, जो उस समय अपना केवल तीसरा टेस्ट खेल रहे थे. उन्होंने सचिन तेंदुलकर को निशाना बनाया. स्टार्क ने तेंदुलकर के कंधे पर सटीक गेंदबाजी कर उन्हें दबाव में ला दिया था, जिससे उनकी प्रतिभा और आत्मविश्वास का पता चला.
रिकी पोंटिंग ने आईसीसी रिव्यू शो में 2012 के वाका टेस्ट में मिचेल स्टार्क के शानदार स्पेल को याद किया, जहां स्टार्क ने सचिन तेंदुलकर जैसे महान बल्लेबाज को परेशान किया. उन्होंने बताया कि स्टार्क ने एक शॉर्ट गेंद फेंकी, जो तेंदुलकर की बगल के नीचे से उठी और लेग साइड में शॉर्ट लेग पर चली गई.
पोंटिंग ने कहा कि स्टार्क की गति और उछाल ने तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी को भी मुश्किल में डाल दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि स्टार्क में कुछ खास प्रतिभा है. यह स्पेल उनकी असाधारण क्षमता का प्रारंभिक संकेत था.
जमैका में टेस्ट के दौरान, स्टार्क ने 400 टेस्ट विकेट भी पूरे किए, जिससे उनके शानदार खेल करियर में एक और शानदार उपलब्धि जुड़ गई, जिसमें दो 50 ओवर के विश्व कप जीत, टी20 विश्व कप जीत और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीत शामिल हैं.
पोंटिंग ने कहा कि कौशल और मानसिक रूप से वह लगातार बेहतर होते जा रहे हैं. मुझे लगता है कि वह अपने खेल को शायद पहले से कहीं बेहतर समझता है.
पोटिंग ने कहा कि उसने पिछले दो या तीन वर्षों में कुछ अलग कौशल सीखे हैं, जो बहुत बड़ी बात नहीं लगतीं, लेकिन उसने अपनी थ्री-क्वार्टर सीम, वोबल सीम डिलीवरी को शामिल कर लिया है, जिससे उसकी इन-स्विंग थोड़ी और मजबूत हो गई है और उसे थोड़ी और विविधता मिली है.
उन्होंने कहा, ‘सभी तेज गेंदबाजों की तरह उन्हें भी हमेशा छोटी-मोटी दिक्कतें होती हैं, लेकिन वह उनसे निपटने का तरीका ढूंढ लेते हैं. वह छोटी-मोटी दिक्कतों के साथ भी खेलते हैं और यही कारण है कि अब उनके नाम पर 400 टेस्ट विकेट दर्ज हैं.’
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डीकेएम/
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