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भारत ने भू-राजनीतिक प्रतिकूलताओं के बावजूद ऊर्जा के क्षेत्र में अच्छा काम किया: केंद्रीय मंत्री

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नई दिल्ली, 24 मई . केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ईंधन की कीमतों को स्थिर रखने, एलपीजी कवरेज का विस्तार करने और देशभर में रिफाइनिंग और वितरण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए सरकार के सक्रिय उपायों के बारे में जानकारी दी.

हरियाणा के मानेसर में मंत्रालय की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, केंद्रीय मंत्री पुरी ने विस्तार से बताया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत भू-राजनीतिक प्रतिकूलताओं से पार पाते हुए नागरिकों के लिए बिना किसी कमी के ऊर्जा की वहनीयता और उपलब्धता सुनिश्चित करने में सफल रहा.

विशेष रूप से, सरकार ने दो बार उत्पाद शुल्क में कटौती की, जिसमें पहली कटौती 4 नवंबर, 2021 को और दूसरी कटौती 22 मई, 2022 को पेट्रोल पर 13 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 16 रुपए प्रति लीटर के रूप में की गई.

अप्रैल 2025 में की गई हालिया बढ़ोतरी को तेल विपणन कंपनियों ने वहन कर लिया, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त बोझ से बचाया जा सके.

एलपीजी सुधारों पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के परिवर्तनकारी प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया.

इसकी शुरुआत के बाद से, एलपीजी कवरेज 2014 में 55 प्रतिशत से बढ़कर आज लगभग सार्वभौमिक पहुंच तक पहुंच गया है.

एलपीजी की खपत में शानदार वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें प्रतिदिन 56 लाख सिलेंडरों की डिलीवरी हुई है. अब देश भर में 25,000 से अधिक एलपीजी वितरक काम कर रहे हैं, जिनमें से 86 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जो अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित करते हैं.

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि भारत में एलपीजी की कीमतें वैश्विक स्तर पर सबसे कम हैं.

अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में 58 प्रतिशत की भारी वृद्धि के बावजूद, पीएमयूवाई उपभोक्ता अब 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर के लिए केवल 553 रुपए का भुगतान करते हैं.

एलपीजी की कीमतें किफायती रखने के लिए तेल कंपनियों को पिछले साल 40,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. लगभग 1,058 रुपए की कीमत वाला सिलेंडर पीएमयूवाई लाभार्थियों को मात्र 553 रुपए में उपलब्ध कराया जा रहा है.

नियमित उपभोक्ताओं के लिए, कीमत 853 रुपए है. पीएमयूवाई परिवारों के लिए प्रतिदिन खाना पकाने की लागत अब लगभग 6.8 रुपए और गैर-पीएमयूवाई उपयोगकर्ताओं के लिए 14.7 रुपए है.

भारत अब 24,000 किलोमीटर से अधिक प्रोडक्ट पाइपलाइन, 314 तेल टर्मिनल/डिपो और लगभग 96,000 खुदरा दुकानों का संचालन करता है.

एसकेटी/केआर

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