दुनिया में एक से एक जहरीले सांप पाए जाते हैं. कुछ तो इतने खतरनाक होते हैं, जिनके जहर की काट मिलना ही मुश्किल है. किंग कोबरा, कॉमन करैत और रसेल वाइपर ऐसे सांप हैं, जो अगर किसी इंसान को डस ले तो पल भर में काम तमाम हो सकता है. इन खतरनाक जहर वाले सांपों को चलती-फिरती मौत भी कहा जाता है. हालांकि, एक रिसर्च में सामने आया है कि रेगिस्तान में पाए जाने ऊंटों के आंसुओं से 26 तरह के सांपों के जहर का इलाज हो सकता है.
बीकानेर स्थिति नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल (NRCC) की यह स्टडी मेडिकल क्षेत्र में क्रांति ला सकती है. स्टडी में पाया गया है कि ऊंट के आंसुओं में पाए जाने वाले एंटीबॉडी 26 तरह के सांपों के जहर को निष्क्रिय कर सकते हैं. यही कारण है कि ऊंट के आंसू दुनियाभर में पाए जाने वाले किसी भी जानवर के आंसुओं से महंगे हैं.
एक नहीं कई रिसर्च में सामने आ चुकी है बात
सिर्फ नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल ही नहीं, कई इंस्टीट्यूट इस पर रिसर्च कर चुके हैं और इनमें पाया गया है कि ऊंट के आंसुओं में ऐसी एंटीबॉडी पाई जाती हैं, जिनसे स्नेकबाइट का इलाज सफलता पूर्वक हो सकता है. लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसीन के स्नेकबाइट रिसर्च में भी पाया गया था कि ऊंट के आंसुओं से सांप का जहर काटने वाली दवाई बनाई जा सकती है. दुबई की सेंट्रल वेटरनरी रिसर्च लेबोरेटरी की स्टडी में भी पाया गया था कि ऊंट के आंसुओं में अद्भुत क्षमताएं होती हैं. अब NRCC के वैज्ञानिकों ने ऊंट के आंसुओं से सॉस्केल्ड वाइपर के जहर का इलाज करने में कामयाबी पाई है.
बढ़ सकती है कीमत
रिसर्च सामने आने के बाद माना जा रहा है कि ऊंट के आंसुओं की कीमत बढ़ सकती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ऊंट के आंसुओं में विशेष प्रकार के एंटीडोट पाए जाते हैं, जिनके सांप के जहर का इलाज हो सकता है. यह रिसर्च भारत समेत उन देशों के लिए कारगर हो सकती है, जहां हर साल स्नेक बाइट से हजारों लोगों की मौत हो जाती है.
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