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महाकुंभ 2025 में 13 वर्षीय लड़की का दान: एक अनोखी धार्मिक परंपरा

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महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन

प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन होने जा रहा है, जिसमें लाखों भक्त शामिल होंगे। इस आयोजन से पहले आगरा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दंपत्ति ने अपनी 13 वर्षीय बेटी को दान करने का निर्णय लिया है। यह बच्ची पिंडदान के बाद साध्वी बन जाएगी।


दंपत्ति का निर्णय

आगरा के बमरौली कटारा क्षेत्र के गांव तर्र्कपुर के निवासी संदीप सिंह, जो पेठा व्यापारी हैं, और उनकी पत्नी रीमा, जो गृहणी हैं, की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी राखी, जो 13 साल की है, स्प्रिंग फील्ड इंटर कॉलेज में कक्षा नौ की छात्रा है। माता-पिता ने राखी को जूना अखाड़े को दान करने का निर्णय लिया है।


साध्वी बनने की इच्छा

रीमा ने बताया कि वे पिछले चार वर्षों से गुरु की सेवा में लगे हुए हैं। कौशल गिरि ने उनके मोहल्ले में भागवत कथा कराई थी, जिसके बाद से उनकी भक्ति जागृत हुई। 26 दिसंबर को परिवार महाकुंभ मेला क्षेत्र में गया, जहां राखी ने साध्वी बनने की इच्छा व्यक्त की।


धार्मिक संस्कार और नामकरण

दंपत्ति ने अपनी बेटी राखी को संगम की रेती पर जूना अखाड़े को दान कर दिया। गंगा स्नान के बाद, हरियाणा से आए संत कौशल गिरि ने वैदिक मंत्रों के बीच राखी का नाम 'गौरी' रखा। गौरी का पिंडदान 19 जनवरी को होगा, जिसके बाद वह गुरु के परिवार का हिस्सा बन जाएगी।


राखी की शिक्षा

राखी के स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि वह एक मेधावी छात्रा रही है, जो पढ़ाई के साथ-साथ पूजा अर्चना में भी रुचि रखती है। नवरात्रि के दौरान, वह बिना जूते-चप्पल के स्कूल आती थी, जो उसकी आध्यात्मिकता को दर्शाता है।


संत कौशल गिरी का बयान

जूना अखाड़ा के संत कौशल गिरी ने कहा कि यह सनातन धर्म का प्रचार है और दंपत्ति का यह कार्य बहुत ही सराहनीय है।


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