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बजट 2025-26: पीएम-किसान सम्मान निधि बढ़ाने की मांग, जानें किसानों की प्रमुख चिंताएं

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बजट 2025-26 की तैयारी में किसानों की आवाज

आगामी बजट 2025-26, जो 1 फरवरी 2025 को पेश होने की उम्मीद है, ने देशभर में चर्चा का विषय बना दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट की तैयारियों के तहत किसानों, कृषि विशेषज्ञों और कृषक संगठनों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें की हैं। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र की आवश्यकताओं और किसानों के हितों को प्राथमिकता देना है.


किसानों के मुद्दों पर चर्चा

वित्त मंत्री द्वारा आयोजित दो घंटे की बैठक में किसानों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया गया। भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने कृषि उत्पादकता को बढ़ाने और किसानों के हितों को मजबूत करने के लिए निवेशकों को आकर्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया.


किसान यूनियनों की प्रमुख मांगें

बैठक में किसानों और उनके संगठनों ने कुछ विशेष मांगें रखीं:



  • पीएम-किसान सम्मान निधि: किसानों ने इस निधि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की मांग की।

  • फसल बीमा योजना: छोटे किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लाने और जीरो प्रीमियम पर बीमा उपलब्ध कराने की मांग की गई।

  • कृषि उपकरण और उर्वरकों पर जीएसटी छूट: किसानों ने कृषि से जुड़े उपकरण, उर्वरक, बीज, और दवाइयों को GST से मुक्त करने की मांग की।

  • कृषि लोन पर ब्याज दर में कटौती: किसानों ने किसान लोन की ब्याज दर को घटाकर 1% करने की सिफारिश की।

  • राष्ट्रीय कृषि उत्पादकता योजना: विशेष फसलों जैसे चना, सोयाबीन, और सरसों के लिए हर साल 1000 करोड़ रुपये के निवेश की रणनीति बनाने का सुझाव दिया गया।


  • वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया

    वित्त मंत्री ने इन मांगों को ध्यान से सुना और इन पर विचार करने का आश्वासन दिया। यदि बजट में इन मांगों के लिए गुंजाइश निकाली जाती है, तो पीएम-किसान सम्मान निधि की राशि को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, अन्य योजनाओं में सुधार और नई नीतियों को शामिल करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई.


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