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माइग्रेन: कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

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माइग्रेन क्या है?

माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है, जो आमतौर पर सिर के एक हिस्से में होता है, इसलिए इसे आधा सीसी का दर्द भी कहा जाता है। यह सामान्य सिरदर्द से भिन्न होता है, क्योंकि यह बहुत तीव्र और असहनीय होता है, जिससे मरीज को न तो आराम से सोने की स्थिति मिलती है और न ही बैठने की।


माइग्रेन के दर्द का अनुभव

जब माइग्रेन के दौरान सिरदर्द के साथ उल्टी भी होने लगे, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। यह दर्द कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है। इस दौरान सिर के नीचे की धमनी फैलने लगती है और प्रभावित क्षेत्र में सूजन आ जाती है.


माइग्रेन के कारण

हालांकि माइग्रेन के कारणों का सही पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ कारक जैसे उच्च रक्तचाप, तनाव, नींद की कमी, दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक सेवन, और मौसम में बदलाव इसके हमलों को बढ़ा सकते हैं।


माइग्रेन के लक्षण

माइग्रेन के लक्षणों में आंखों में दर्द, तेज सिरदर्द, तेज आवाज़ और रोशनी से घबराहट, उल्टी, जी मिचलाना, और कमजोरी शामिल हैं। यदि इनमें से कोई लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


माइग्रेन के घरेलू उपचार

जब सिरदर्द इतना तीव्र हो कि दवा से भी राहत न मिले, तो घरेलू उपायों का सहारा लिया जा सकता है।


दिन में दो बार गाय के देसी घी की दो बूँदें नाक में डालने से राहत मिलती है। इसके अलावा, गर्म तेल से सिर की मालिश करना, सेब का सेवन करना, और सिर को बेड के किनारे लटकाना भी मददगार हो सकता है।


गाय के घी में औषधीय गुण होते हैं, जो अन्य चीजों में नहीं मिलते। इसे नाक में डालने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।


माइग्रेन से बचने के उपाय

माइग्रेन से बचने के लिए तेज धूप में बाहर जाने से बचें, और तनाव से दूर रहें। पर्याप्त पानी पिएं और नियमित व्यायाम करें।


रात को तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह खाली पेट पिएं।


नस्य के अन्य लाभ

हार्ट अटैक: गाय का घी हृदय को मजबूत बनाता है।


त्वचा रोग: सोरायसिस और अन्य त्वचा रोगों में भी गाय का घी फायदेमंद है।


आँखों की ज्योति: गाय के घी का सेवन आँखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।


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