‘दूध सी सफेदी निरमा से आए, रंगीन कपड़ा भी खिल खिल जाए, सबकी पसंद निरमा. वाशिंग पाउडर निरमा… निरमा!’ यह जिंगल सुनकर हर कोई निरमा वाशिंग पाउडर को पहचानता है।
कहते हैं कि जब इंसान ठान ले, तो कोई भी शक्ति उसे रोक नहीं सकती। आज हम एक ऐसे व्यक्ति की कहानी साझा कर रहे हैं, जिसने अपनी मेहनत और समर्पण से अद्भुत सफलता हासिल की।
हम बात कर रहे हैं करसनभाई पटेल की, जो निरमा कंपनी के संस्थापक हैं। करसनभाई एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और एक प्रयोगशाला में सहायक के रूप में काम करना शुरू किया। इसी दौरान उन्हें वाशिंग पाउडर के व्यवसाय में एक सुनहरा अवसर मिला।
उन्होंने अपने घर के आंगन में वाशिंग पाउडर का उत्पादन शुरू किया और अपनी साइकिल पर इसे बेचने लगे। उन्होंने अपने उत्पाद का नाम अपनी छोटी बेटी के नाम पर रखा, यानी 'निरमा'।
जब करसनभाई ने अपना व्यवसाय शुरू किया, तब बाजार में विदेशी कंपनियों के महंगे वाशिंग पाउडर मौजूद थे। जबकि इनकी कीमत 30 रुपये प्रति किलो थी, करसनभाई ने निरमा वाशिंग पाउडर की कीमत केवल 3 रुपये प्रति किलो रखी।
इस कम कीमत और उच्च गुणवत्ता के कारण निरमा की मांग तेजी से बढ़ने लगी। करसनभाई का व्यवसाय दिन-प्रतिदिन तरक्की करने लगा और यह भारत का सबसे ज्यादा बिकने वाला वाशिंग पाउडर बन गया। धीरे-धीरे निरमा के कार्यालय भारत के साथ-साथ विदेशों में भी स्थापित हुए और करसनभाई की कंपनी ने कई अन्य उत्पादों, जिसमें ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी शामिल हैं, को बाजार में उतारा।
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