ध्यान दें: पथरी के रोगियों के लिए चूना वर्जित है। चूना, जो आमतौर पर पान में उपयोग होता है, कई बीमारियों के उपचार में सहायक है। उदाहरण के लिए, पीलिया के मरीजों के लिए चूना एक प्रभावी उपाय है। गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर देने से पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है। यह नपुंसकता के लिए भी एक बेहतरीन उपचार है। यदि किसी के शुक्राणु नहीं बनते हैं, तो गन्ने के रस के साथ चूना देने से एक से डेढ़ साल में शुक्राणु बनना शुरू हो जाते हैं।
छात्रों के लिए चूना लम्बाई बढ़ाने में मदद करता है। रोजाना गेहूँ के दाने के बराबर चूना दही, दाल या पानी में मिलाकर सेवन करने से लम्बाई और स्मरण शक्ति में सुधार होता है। जिन बच्चों की बुद्धि कम है, उनके लिए भी चूना एक अच्छा उपाय है।
महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं के लिए चूना एक प्रभावी उपचार है। पचास वर्ष की उम्र के बाद मासिक धर्म बंद होने पर भी चूना लाभकारी होता है। गर्भवती महिलाओं को रोजाना चूना खाना चाहिए, क्योंकि यह कैल्शियम का अच्छा स्रोत है।
गर्भवती महिलाओं को अनार के रस में चूना मिलाकर सेवन करने से कई लाभ होते हैं, जैसे कि सामान्य डिलीवरी और स्वस्थ बच्चे का जन्म। चूना घुटने, कमर और कंधे के दर्द में भी राहत देता है।
यदि मुंह में छाले हैं या खून की कमी है, तो चूना लेना फायदेमंद है। अनार के रस में चूना मिलाकर पीने से खून की कमी दूर होती है।
भारत में चूना खाने वाले लोग आमतौर पर बुद्धिमान होते हैं, लेकिन तंबाकू से बचना चाहिए। चूना खाने के लिए है, न कि लगाने के लिए।
इस वीडियो में देखें कि चूना कैसे लेना है >>
https://youtube.com/watch?v=0GwhNt7Pk6U%3Ffeature%3Doembed
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