कई लोग जीवन में बहुत कुछ हासिल करना चाहते हैं, लेकिन समाज की आलोचनाओं और रोक-टोक के कारण वे अपने लक्ष्यों से पीछे हट जाते हैं। यह केवल महिलाओं के साथ नहीं, बल्कि पुरुषों के साथ भी होता है। कई बार, लोग भोजन करने में भी संकोच करते हैं, भले ही उनके पास पर्याप्त खाना हो। ऐसे में, अगर आप शान से जीना चाहते हैं, तो कुछ कामों में बेशर्म होना जरूरी है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, यदि आप इन तीन कार्यों में बेशर्म नहीं बनते, तो समाज आपको पीछे धकेलता रहेगा। आइए जानते हैं वे तीन काम कौन से हैं जिनमें बेशर्म होना आवश्यक है।
1. भोजन करते समय: चाणक्य के अनुसार, जब हम खाना खाते हैं, तो अक्सर शर्म के कारण अपनी पसंद का भोजन नहीं मांग पाते। ऐसे में, भोजन के समय बेशर्म होना चाहिए। जो लोग शर्माते हैं, वे कभी भी संतुष्ट नहीं रह सकते।
2. ज्ञान अर्जित करते समय: जब आप पढ़ाई कर रहे हों, तो शर्माना नहीं चाहिए। जो लोग सवाल पूछने में संकोच करते हैं, वे जीवनभर पछताते हैं। इसलिए, जब तक आपको समझ नहीं आता, सवाल करते रहें।
3. धन कमाने के मामले में: जो लोग पैसे कमाने में शर्माते हैं, वे अमीर नहीं बन सकते। व्यापार या लेन-देन में संकोच करने से आप कभी भी सफल नहीं हो सकते। इसलिए, जब भी मौका मिले, पैसे मांगने में संकोच न करें।
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