सहारा ग्रुप की 88 कीमती प्रॉपर्टीज अडानी ग्रुप को बेचे जाने की तैयारी है। इसी को लेकर सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, SEBI और अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है। मंगलवार को चीफ जस्टिस बी. आर. गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एम. एम. सुंदरेश की विशेष पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की, जो सहारा ग्रुप की पुरानी धन-वापसी विवाद से जुड़ी हुई है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की बातों को सुनने के बाद कोर्ट ने केंद्र के वित्त मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय को भी इस मामले में पक्ष बनाने का आदेश दिया और 17 नवंबर तक जवाब मांगा है।
अदालत ने मांगा संपत्तियों का पूरा ब्योरा
सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील और अमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) शेखर नाफाड़े से कहा है कि वह सहारा ग्रुप की उन 88 संपत्तियों की पूरी जानकारी इकट्ठा करें, जिन्हें अडानी ग्रुप को बेचा जाना प्रस्तावित है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह देखा जाए कि इन संपत्तियों को लेकर अन्य संबंधित पक्षों की क्या राय है। इसके साथ ही, हर संपत्ति के बारे में यह भी बताया जाए कि वह विवादित है या कानूनी रूप से साफ (क्लियर) है।
कोर्ट ने कहा कि यह याचिका सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) ने दाखिल की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि इस मामले पर कोई फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार को भी सुना जाना चाहिए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय को भी इस मामले में पक्ष बनाया जाए, ताकि उनकी प्रतिक्रिया भी ली जा सके।
कुछ संपत्तियों पर अधिकार तय नहीं
कोर्ट ने यह भी बताया कि इन 88 संपत्तियों में कुछ ऐसी हैं, जिन पर कुछ लोगों या संस्थाओं का दावा है और उन दावों पर अभी फैसला नहीं हुआ है- यानी अधिकार तय नहीं हुए हैं। इसलिए कोर्ट ने कहा कि जो भी पक्ष इन संपत्तियों पर अपना अधिकार बता रहे हैं, वे अपनी पूरी जानकारी अमिकस क्यूरी (शेखर नाफाड़े) को सौंपें ताकि सच सामने आ सके।
संपत्तियों की जानकारी चार्ट में दी जाएगी
सुप्रीम कोर्ट ने अमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) से कहा है कि वे एक सहायक वकील की मदद लें, जो सहारा की 88 संपत्तियों की जानकारी एक चार्ट के रूप में तैयार करे। इसमें बताया जाए कि कौन-सी संपत्तियों पर विवाद है, किन पर मालिकाना हक साफ है और किन पर अब भी संदेह बना हुआ है।
सरकार और SEBI से मांगा जवाब
कोर्ट ने केंद्र सरकार, अमिकस क्यूरी और SEBI से कहा है कि वे सहारा की याचिका में की गई मांगों पर अपनी प्रतिक्रिया दें। सहारा ने इन संपत्तियों को अडानी ग्रुप को बेचने की इजाजत मांगी है। कोर्ट ने सहारा ग्रुप को यह भी निर्देश दिया कि वे उन कर्मचारियों के दावों की जांच करें जिन्हें कई सालों से वेतन नहीं मिला है। कोर्ट ने कहा कि यह भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
अगली सुनवाई 17 नवंबर को
कोर्ट ने सहारा की इस याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख 17 नवंबर तय की है। इससे पहले सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एंबी वैली (महाराष्ट्र) और सहारा शहर (लखनऊ) जैसी कई संपत्तियों को अडानी प्रॉपर्टीज़ प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की अनुमति मांगी थी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की बातों को सुनने के बाद कोर्ट ने केंद्र के वित्त मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय को भी इस मामले में पक्ष बनाने का आदेश दिया और 17 नवंबर तक जवाब मांगा है।
अदालत ने मांगा संपत्तियों का पूरा ब्योरा
सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील और अमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) शेखर नाफाड़े से कहा है कि वह सहारा ग्रुप की उन 88 संपत्तियों की पूरी जानकारी इकट्ठा करें, जिन्हें अडानी ग्रुप को बेचा जाना प्रस्तावित है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह देखा जाए कि इन संपत्तियों को लेकर अन्य संबंधित पक्षों की क्या राय है। इसके साथ ही, हर संपत्ति के बारे में यह भी बताया जाए कि वह विवादित है या कानूनी रूप से साफ (क्लियर) है।
कोर्ट ने कहा कि यह याचिका सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) ने दाखिल की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि इस मामले पर कोई फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार को भी सुना जाना चाहिए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय को भी इस मामले में पक्ष बनाया जाए, ताकि उनकी प्रतिक्रिया भी ली जा सके।
कुछ संपत्तियों पर अधिकार तय नहीं
कोर्ट ने यह भी बताया कि इन 88 संपत्तियों में कुछ ऐसी हैं, जिन पर कुछ लोगों या संस्थाओं का दावा है और उन दावों पर अभी फैसला नहीं हुआ है- यानी अधिकार तय नहीं हुए हैं। इसलिए कोर्ट ने कहा कि जो भी पक्ष इन संपत्तियों पर अपना अधिकार बता रहे हैं, वे अपनी पूरी जानकारी अमिकस क्यूरी (शेखर नाफाड़े) को सौंपें ताकि सच सामने आ सके।
संपत्तियों की जानकारी चार्ट में दी जाएगी
सुप्रीम कोर्ट ने अमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) से कहा है कि वे एक सहायक वकील की मदद लें, जो सहारा की 88 संपत्तियों की जानकारी एक चार्ट के रूप में तैयार करे। इसमें बताया जाए कि कौन-सी संपत्तियों पर विवाद है, किन पर मालिकाना हक साफ है और किन पर अब भी संदेह बना हुआ है।
सरकार और SEBI से मांगा जवाब
कोर्ट ने केंद्र सरकार, अमिकस क्यूरी और SEBI से कहा है कि वे सहारा की याचिका में की गई मांगों पर अपनी प्रतिक्रिया दें। सहारा ने इन संपत्तियों को अडानी ग्रुप को बेचने की इजाजत मांगी है। कोर्ट ने सहारा ग्रुप को यह भी निर्देश दिया कि वे उन कर्मचारियों के दावों की जांच करें जिन्हें कई सालों से वेतन नहीं मिला है। कोर्ट ने कहा कि यह भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
अगली सुनवाई 17 नवंबर को
कोर्ट ने सहारा की इस याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख 17 नवंबर तय की है। इससे पहले सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एंबी वैली (महाराष्ट्र) और सहारा शहर (लखनऊ) जैसी कई संपत्तियों को अडानी प्रॉपर्टीज़ प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की अनुमति मांगी थी।
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