भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा अपने गोल्ड रिजर्व को लगातार बढ़ाया जा रहा है. जून महीने में आरबीआई ने लगभग आधा टन सोना खरीदा. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कुछ सालों में सोने में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज हो रही है. पिछले कुछ सालों से आरबीआई के द्वारा ज्यादा सोना खरीदा जा रहा है. आखिर इतना सोना खरीदने के पीछे का कारण क्या है?
भारत के गोल्ड रिजर्व में वृद्धि आरबीआई के द्वारा जून के आखिरी सप्ताह में लगभग आधा टन सोना खरीदने से भारत के गोल्ड रिजर्व में वृद्धि हुई है. क्या आपको पता है भारत के पास सोने का कितना भंडार है? अभी आरबीआई के पास 879.8 टन सोना है. जो 27 जून से पहले 879.6 टन था.
अप्रैल में की थी बड़ी खरीदारी अप्रैल महीने में आरबीआई ने सोना की खरीदारी में चीन को भी पीछे छोड़ दिया था. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अप्रैल में 57.5 टन पीली धातु की खरीदारी की थी. आरबीआई के द्वारा लगातार हो रही गोल्ड शॉपिंग से फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में भी सोने की संख्या बढ़ रही है. जिसमें गोल्ड की हिस्सेदारी अब 12.1% हो गई है, जो पहले 8.9% थी.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार केंद्रीय बैंकों के द्वारा सोने की जबरदस्त खरीददारी की जा रही है. पिछले 3 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो इस अवधि में हर साल 100 टन से अधिक सोने का केंद्रीय बैंकों के द्वारा अधिग्रहण किया गया. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के रिकॉर्ड के अनुसार इस साल की शुरुआती 6 महीना में भारत में सोने से लगभग 26 प्रतिशत का रिटर्न प्राप्त हुआ है. केवल तुर्की ऐसा देश है जो गोल्ड रिटर्न के मामले में भारत से आगे रहा है जिसे 40% से अधिक का रिटर्न प्राप्त हुआ. भारत का गोल्ड रिटर्न कई देशों की प्रमुख मुद्राओं जैसे येन, यूरो से भी आगे रहा..
रिजर्व बैंक क्यों बढ़ा रहा सोने का भंडार? जैसे आम आदमी सोने को सेफ असेट्स यानि सुरक्षित निवेश मानते हैं. वैसे आरबीआई के द्वारा भी इस मुसीबत में काम आने वाला साधन माना जाता है. इसीलिए केंद्रीय बैंक के द्वारा गोल्ड के रिज़र्व को बढ़ाया जा रहा है. अपने गोल्ड रिजर्व में वृद्धि करके आरबीआई अपने जोखिम को सुरक्षित करना चाहता है. इससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जिस देश के पास जितना अधिक गोल्ड भंडारण होता है वह देश उतना ही अधिक मजबूत होता है.
भारत के गोल्ड रिजर्व में वृद्धि आरबीआई के द्वारा जून के आखिरी सप्ताह में लगभग आधा टन सोना खरीदने से भारत के गोल्ड रिजर्व में वृद्धि हुई है. क्या आपको पता है भारत के पास सोने का कितना भंडार है? अभी आरबीआई के पास 879.8 टन सोना है. जो 27 जून से पहले 879.6 टन था.
अप्रैल में की थी बड़ी खरीदारी अप्रैल महीने में आरबीआई ने सोना की खरीदारी में चीन को भी पीछे छोड़ दिया था. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अप्रैल में 57.5 टन पीली धातु की खरीदारी की थी. आरबीआई के द्वारा लगातार हो रही गोल्ड शॉपिंग से फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में भी सोने की संख्या बढ़ रही है. जिसमें गोल्ड की हिस्सेदारी अब 12.1% हो गई है, जो पहले 8.9% थी.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार केंद्रीय बैंकों के द्वारा सोने की जबरदस्त खरीददारी की जा रही है. पिछले 3 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो इस अवधि में हर साल 100 टन से अधिक सोने का केंद्रीय बैंकों के द्वारा अधिग्रहण किया गया. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के रिकॉर्ड के अनुसार इस साल की शुरुआती 6 महीना में भारत में सोने से लगभग 26 प्रतिशत का रिटर्न प्राप्त हुआ है. केवल तुर्की ऐसा देश है जो गोल्ड रिटर्न के मामले में भारत से आगे रहा है जिसे 40% से अधिक का रिटर्न प्राप्त हुआ. भारत का गोल्ड रिटर्न कई देशों की प्रमुख मुद्राओं जैसे येन, यूरो से भी आगे रहा..
रिजर्व बैंक क्यों बढ़ा रहा सोने का भंडार? जैसे आम आदमी सोने को सेफ असेट्स यानि सुरक्षित निवेश मानते हैं. वैसे आरबीआई के द्वारा भी इस मुसीबत में काम आने वाला साधन माना जाता है. इसीलिए केंद्रीय बैंक के द्वारा गोल्ड के रिज़र्व को बढ़ाया जा रहा है. अपने गोल्ड रिजर्व में वृद्धि करके आरबीआई अपने जोखिम को सुरक्षित करना चाहता है. इससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जिस देश के पास जितना अधिक गोल्ड भंडारण होता है वह देश उतना ही अधिक मजबूत होता है.
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