घर खरीदते समय ज्यादा तर लोगों के लिए सवाल यह होता है कि वे अंडर-कंस्ट्रक्शन घर लें या रेडी-टू-मूव प्रॉपर्टी। पहली नजर में यह लगता है कि अंडर-कंस्ट्रक्शन सस्ता होता है, जबकि रेडी-टू-मूव महंगा लेकिन तुरंत मिल जाता है। लेकिन असली फर्क इस बात में है कि यह आपके कैश फ्लो, टैक्स बोझ और डिलीवरी के जोखिमों को कैसे प्रभावित करता है। बढ़ती ब्याज दरों और कड़े RERA नियमों के बीच, इन दोनों ऑप्शंस के बीच का अंतर अब पहले जितना बड़ा नहीं रहा है, लेकिन समझदारी से चुनाव करना अभी भी जरूरी है।   
   
   
     
प्राइस और पेमेंट स्ट्रक्चर
     
अंडर-कंस्ट्रक्शन घरों की शुरुआती कीमतें आमतौर पर कम होती हैं और भुगतान चरणों के अनुसार किया जा सकता है। डिवेलपर्स अक्सर शुरुआती बुकिंग पर छूट या मुफ्त सुविधाएं देते हैं। हालांकि, देरी, प्री-EMI और मूल्य वृद्धि की क्लॉज के कारण कुल खर्च बढ़ सकता है। रेडी-टू-मूव घरों की कीमतें आमतौर पर 10–20 प्रतिशत अधिक होती हैं, लेकिन कीमत तय होने के बाद कोई छिपा खर्च नहीं होता। EMIs केवल कब्जे के बाद शुरू होती हैं, जिससे किराया और EMIs का दोहरा बोझ नहीं उठाना पड़ता।
   
   
   
समय और डिलीवरी का जोखिम
   
अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में सबसे बड़ा जोखिम समय पर डिलीवरी का होता है। RERA के नियमों के बावजूद, फंडिंग, सामग्री की कमी या मंजूरी में देरी के कारण प्रोजेक्ट्स लेट हो सकते हैं। हर माह की देरी के साथ आपको किराया और होम लोन दोनों चुकाने पड़ते हैं। रेडी-टू-मूव घरों में यह जोखिम नहीं होता, क्योंकि आप प्रॉपर्टी देख सकते हैं और तुरंत कब्जा ले सकते हैं।
   
   
   
GST और टैक्स का असर
   
अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर 5% GST (सामान्य) या 1% (अफोर्डेबल) लगता है, जबकि रेडी-टू-मूव घर GST मुक्त होते हैं। इससे महंगी मार्केट में रेडी प्रॉपर्टी ज्यादा आकर्षक बन जाती है। होम लोन पर टैक्स छूट (Section 24) भी केवल कब्जे के बाद ही मिलती है।
   
   
   
फाइनेंस और नकदी प्रवाह
   
अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में भुगतान धीरे-धीरे करना आसान होता है, लेकिन प्री-EMI देने पड़ते हैं। रेडी-टू-मूव घर में अधिक अग्रिम भुगतान करना पड़ता है, लेकिन EMI तुरंत स्वामित्व की ओर जाता है।
   
   
   
हिडन कॉस्ट्स (Hidden Costs)
   
अंडर-कंस्ट्रक्शन घर में पार्किंग, क्लब मेंबरशिप, फ्लोर राइज, पावर बैकअप जैसी अतिरिक्त लागतें हो सकती हैं। रेडी-टू-मूव में कम आश्चर्य होते हैं, लेकिन पुराने घरों में रेनोवेशन या उच्च स्टाम्पड्यूटी लग सकती है।
   
कौन सा बेहतर है
   
अगर आप शुरू में ही पैसे बचाना चाहते हैं, लंबी अवधि के लिए इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं और भरोसेमंद बिल्डर चुनते हैं, तो अंडर-कंस्ट्रक्शन घर सही हो सकता है। लेकिन निश्चितता, फास्ट कब्जा और ट्रांसपेरेंट लागत पसंद है तो रेडी-टू-मूवऑप्शन बेहतर है।
निष्कर्ष: सबसे सस्ता घर हमेशा सबसे किफायती नहीं होता। पूरी लागत, समय और टैक्स के हिसाब से निर्णय लें ताकि आपका घर वित्तीय रूप से सुरक्षित और आरामदायक हो।
   
  
प्राइस और पेमेंट स्ट्रक्चर
अंडर-कंस्ट्रक्शन घरों की शुरुआती कीमतें आमतौर पर कम होती हैं और भुगतान चरणों के अनुसार किया जा सकता है। डिवेलपर्स अक्सर शुरुआती बुकिंग पर छूट या मुफ्त सुविधाएं देते हैं। हालांकि, देरी, प्री-EMI और मूल्य वृद्धि की क्लॉज के कारण कुल खर्च बढ़ सकता है। रेडी-टू-मूव घरों की कीमतें आमतौर पर 10–20 प्रतिशत अधिक होती हैं, लेकिन कीमत तय होने के बाद कोई छिपा खर्च नहीं होता। EMIs केवल कब्जे के बाद शुरू होती हैं, जिससे किराया और EMIs का दोहरा बोझ नहीं उठाना पड़ता।
समय और डिलीवरी का जोखिम
अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में सबसे बड़ा जोखिम समय पर डिलीवरी का होता है। RERA के नियमों के बावजूद, फंडिंग, सामग्री की कमी या मंजूरी में देरी के कारण प्रोजेक्ट्स लेट हो सकते हैं। हर माह की देरी के साथ आपको किराया और होम लोन दोनों चुकाने पड़ते हैं। रेडी-टू-मूव घरों में यह जोखिम नहीं होता, क्योंकि आप प्रॉपर्टी देख सकते हैं और तुरंत कब्जा ले सकते हैं।
GST और टैक्स का असर
अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर 5% GST (सामान्य) या 1% (अफोर्डेबल) लगता है, जबकि रेडी-टू-मूव घर GST मुक्त होते हैं। इससे महंगी मार्केट में रेडी प्रॉपर्टी ज्यादा आकर्षक बन जाती है। होम लोन पर टैक्स छूट (Section 24) भी केवल कब्जे के बाद ही मिलती है।
फाइनेंस और नकदी प्रवाह
अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में भुगतान धीरे-धीरे करना आसान होता है, लेकिन प्री-EMI देने पड़ते हैं। रेडी-टू-मूव घर में अधिक अग्रिम भुगतान करना पड़ता है, लेकिन EMI तुरंत स्वामित्व की ओर जाता है।
हिडन कॉस्ट्स (Hidden Costs)
अंडर-कंस्ट्रक्शन घर में पार्किंग, क्लब मेंबरशिप, फ्लोर राइज, पावर बैकअप जैसी अतिरिक्त लागतें हो सकती हैं। रेडी-टू-मूव में कम आश्चर्य होते हैं, लेकिन पुराने घरों में रेनोवेशन या उच्च स्टाम्पड्यूटी लग सकती है।
कौन सा बेहतर है
अगर आप शुरू में ही पैसे बचाना चाहते हैं, लंबी अवधि के लिए इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं और भरोसेमंद बिल्डर चुनते हैं, तो अंडर-कंस्ट्रक्शन घर सही हो सकता है। लेकिन निश्चितता, फास्ट कब्जा और ट्रांसपेरेंट लागत पसंद है तो रेडी-टू-मूवऑप्शन बेहतर है।
निष्कर्ष: सबसे सस्ता घर हमेशा सबसे किफायती नहीं होता। पूरी लागत, समय और टैक्स के हिसाब से निर्णय लें ताकि आपका घर वित्तीय रूप से सुरक्षित और आरामदायक हो।
You may also like
 - Mokama Election: मोकामा में दुलारचंद यादव के मर्डर के बाद उबली सियासत, कभी लालू का था खास करीबी
 - उपराज्यपाल सिन्हा ने भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 150वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि
 - इतिहास के पन्नों में 01 नवंबर : भारत में राज्यों के गठन और पुनर्गठन का ऐतिहासिक दिन
 - होटलˈ के कमरे में Hidden Camera तो नहीं? अंदर घुसते ही बंद कर दें लाइट, सामने आ जाएगी सच्चाई﹒
 - WhatsApp ने जोड़ा पासकी एन्क्रिप्शन फीचर, अब Google Drive और iCloud बैकअप होंगे और भी सुरक्षित




