बगड़ तिराया थाना क्षेत्र में विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म का दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. 25 अप्रैल की रात शौच के लिए निकली महिला को बोलेरो में सवार सात लोगों ने अगवा कर 11 दिन तक बंधक बनाकर दुष्कर्म किया. अब महिला ने इसे लेकर एफआईआर दर्ज करवाई है.
बगड़ तिराया थाना क्षेत्र से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा दी है. एक विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म की इस वारदात ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. 25 अप्रैल की रात को हुई इस घटना में सात लोगों ने मिलकर एक महिला को अगवा किया, 11 दिन तक बंधक बनाकर रखा और उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया. पीड़िता के पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने और उनके प्रभाव के कारण परिवार को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी. कोर्ट के आदेश पर 2 जून को मामला दर्ज हुआ, और जांच का जिम्मा रामगढ़ के डीएसपी सुनील कुमार शर्मा को सौंपा गया है.
पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि 25 अप्रैल की रात वह शौच के लिए घर से बाहर निकली थी. तभी एक बोलेरो गाड़ी में सवार लगभग सात लोग वहां पहुंचे और उसे जबरन गाड़ी में खींच लिया. पीड़िता ने बचने के लिए चिल्लाने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसकी आवाज दबा दी. इसके बाद उसे एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया, जहां 11 दिनों तक उसे बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान आरोपियों ने बारी-बारी से उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. आरोपियों ने पीड़िता को और भी डराने के लिए उसका वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी. इस डर के कारण पीड़िता और उसका परिवार शुरुआत में चुप रहा. आरोपियों ने परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी, जिसके चलते परिजन डर के मारे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से हिचक रहे थे.
पीड़िता के पति ने हिम्मत जुटाकर बगड़ तिराया थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की. आरोपियों के प्रभाव और दबाव के कारण पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. निराश होकर पीड़िता और उसके परिजनों ने कोर्ट का रुख किया. कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया. इसके बाद 2 जून को बगड़ तिराया थाना में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और धमकी देने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया.
मामले की जांच रामगढ़ के डीएसपी सुनील कुमार शर्मा को सौंपी गई है. डीएसपी ने बताया कि पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए हैं और उसका मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं और छापेमारी की जा रही है. हालांकि, अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, जिसके कारण पीड़िता का परिवार और स्थानीय लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. परिवार का कहना है कि अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो शायद उन्हें कोर्ट तक नहीं जाना पड़ता.
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