पटना, 09 मई (हि.स.)। बिहार में भी बड़ी संख्या ऐसे लोग हैं , जो अपनी गाड़ियों में मनपसंद (फैंसी) नंबर लगवाने का शौक रखते हैं। इसके लिए वे अतिरिक्त पैसे भी खर्च करते हैं। कुछ लोग तो इन नंबरों को लेने के लिए बोली लगाकर मुंह मांगी कीमत चुकाने को भी अमादा रहते हैं। फैंसी नंबर लेने में राजधानी पटना के लोग सबसे आगे हैं, जबकि शिवहर और अरवल में ऐसे लोगों की संख्या काफी कम है।
परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार , 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच पटना जिले में 5 हजार 709 लोगों ने अपने वाहनों के लिए फैंसी नंबर प्लेट लिया है। इसके लिए इन्होंने सरकार को 9 करोड़ 47 लाख 97 हजार रुपये शुल्क के तौर पर दिए हैं।
प्रदेश भर में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 यानी बीते वित्तीय वर्ष में 14 हजार 721 वाहन मालिकों ने फैंसी नंबर प्लेट लिए, जिससे 23 करोड़ 91 लाख रुपये की आय विभाग को हुई। विभाग की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन फैंसी नंबर प्लेट लेने की व्यवस्था को आमजन की तरफ से काफी सराहा जा रहा है।
लोग ऑनलाइन फैंसी नंबर ले सकते हैः मंत्री
प्रदेश की परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि मौजूदा समय में आमजनों की आरामदायक परिवहन सुविधा से लेकर उनकी सुरक्षा और पसंद-नापसंद का भी ख्याल रखा जा रहा है। लोगों को अब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पोर्टल पर फैंसी नंबर प्लेट लेने की सुविधा दी जा रही है। लोग विभाग की तरफ से निर्धारित राशि का भुगतान कर अपनी गाड़ियों के लिए मनपसंद नंबर ले सकते हैं। कुछ लोग अपना लकी नंबर के आधार पर भी फैंसी नंबर लेते हैं। इससे वाहन मालिकों को तो खुशी मिलती ही है, इससे सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है।
फैंसी नंबर लेने में मुजफ्फरपुर के लोग दूसरे स्थान पर
पटना के बाद सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर जिले से 1230 वाहन मालिकों ने फैंसी नंबर के लिए करीब एक करोड़ 88 लाख रुपये खर्च किए। इसके बाद तीसरे स्थान पर गया रहा। यहा के 921 वाहन मालिकों ने एक करोड़ 35 लाख रुपये, पूर्णिया के 627 वाहन मालिकों ने करीब एक करोड़ 15 लाख रुपये अदा कर फैंसी नंबर प्लेट लिया है। वहीं, सबसे कम शिवहर जिले से सिर्फ 10 वाहन मालिकों ने ढाई लाख रुपये और अरवल जिले से 12 वाहनों के मालिकों ने करीब 2 लाख रुपये फैंसी नंबर प्लेट पर खर्च किए हैं।
पसंदीदा नंबर प्लेट और चुनिंदा नंबरों के लिए वाहन मालिकों को विशेष शुल्क देना पड़ता है। इसके तहत नंबर प्लेट को पांच (ए, बी, सी, डी और ई) समूहों में बांटकर प्रत्येक समूह के लिए विशेष निर्धारित शुल्क देना होता है। इसमें ए समूह के सुरक्षित नंबर 0001, 0003, 0005, 0007, 0009 के लिए गैर- परिवहन गाड़ियों से एक लाख रुपये और और परिवहन गाड़ियों के लिए 35 हजार रुपये शुल्क निर्धारत है। इसके लिए ई-निलामी की व्यवस्था भी है।
इसके साथ ही किसी एक सिंगल डिजिट नंबर प्लेट जैसे- 0001, 9999 नंबरों को लेने के लिए अगर एक से अधिक लोग इच्छा जाहिर करते हैं, तो इसके लिए बोली लगती है। सबसे अधिक राशि की बोली लगाने वाले वाहन मालिक को पसंदीदा नंबर दे दिया जाता है। इसके विपरीत चालू सिरीज में मनपसंद फैंसी नंबर ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर ऑनलाईन माध्यम से निर्धारित शुल्क जमा करने पर आवंटित किया जाता है। वाहन मालिक vahan.parivahan.gov.in/fancy पोर्टल पर जाकर फैंसी नंबर प्लेट के लिए आवेदन कर सकते है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी
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