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बारां में RSS का पथ संचलन को लेकर हुआ बडा बवाल, पुलिस ने बरसाईं लाठियां, वायरल वीडियो में देखें धार्मिक स्थल पर कर रहे थे भारी विरोध

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जिले में रविवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के पथ संचलन को लेकर विवाद खड़ा हो गया। घटना प्यारे रामजी मंदिर के पास हुई, जहां पथ संचलन अपने निर्धारित मार्ग से गुजर रहा था। इस दौरान अंजुमन के सामने धार्मिक स्थल के पास एक पक्ष के लोगों ने पथ संचलन को रोक दिया, जिससे दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। सूत्रों के अनुसार, जब पथ संचलन मार्ग से गुजर रहा था, तब स्थानीय लोगों और आयोजकों के बीच विवाद हो गया। दोनों पक्षों के बीच शोर-शराबा और हाथापाई की संभावना देखी गई, जिससे स्थानीय प्रशासन ने मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया।

पुलिस के अनुसार, विवाद के दौरान कुछ लोगों ने पथ संचलन पर पत्थर फेंके, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाठियां चलाकर लोगों को खदेड़ा और विवाद को काबू में किया। इसके बाद क्षेत्र में शांति बहाल कर दी गई और पथ संचलन को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ने दिया गया।

स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि घटना के बाद दोनों पक्षों से समझौता कर स्थिति को नियंत्रित किया गया। पुलिस ने सभी उपस्थित लोगों से शांति बनाए रखने और कानून का पालन करने की अपील की। इसके साथ ही, किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के विवाद अक्सर धार्मिक आयोजनों और पथ संचलनों के दौरान निकलते मार्ग को लेकर उत्पन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन और आयोजकों को पूर्व तैयारी और संवाद के माध्यम से ऐसे तनावपूर्ण हालात से बचना चाहिए। स्थानीय लोग भी प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समय पर पुलिस बल की तैनाती और नियंत्रण ने बड़े पैमाने पर संघर्ष को टाल दिया। हालांकि, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भविष्य में धार्मिक आयोजनों और पथ संचलनों के लिए पूर्व में मार्ग और सुरक्षा व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाए।

आरएसएस के पदाधिकारियों ने बताया कि पथ संचलन शांति और अनुशासन के साथ आयोजित किया गया था और उनका उद्देश्य केवल संगठन के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न करना था। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के विवाद से कार्यक्रम को प्रभावित नहीं होने दिया गया।

अधिकारियों का कहना है कि आगामी दिनों में धार्मिक और सामाजिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे। स्थानीय प्रशासन ने इस विवाद को गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी और योजना बनाने की बात कही है।

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