राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र सांगानेर में 300 बेड के सैटेलाइट अस्पताल के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। साथ ही राज्य के मुख्य सचिव को अवमानना मामले से बरी कर दिया है। कोर्ट ने अपने रजिस्ट्रार की सिफारिशें भी स्वीकार कर ली हैं।
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन मसीह की पीठ ने की। राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा पेश हुए, जबकि याचिकाकर्ता प्रसून गोस्वामी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और के. परमेश्वरन न्यायमित्र के रूप में मौजूद रहे।
यह था पूरा मामला
यह मामला तब शुरू हुआ जब राज्य सरकार ने सांगानेर ओपन जेल को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए पहले दी गई 17,800 वर्ग मीटर जमीन के अलावा 14,940 वर्ग मीटर अतिरिक्त जमीन देने का प्रस्ताव रखा। 25 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार को जमीन का निरीक्षण कर जेल शिफ्टिंग की संभावना की जांच करने का आदेश दिया था। रजिस्ट्रार ने 6 दिसंबर 2024 की अपनी रिपोर्ट में कहा कि जेल शिफ्टिंग संभव है।
उन्होंने सुझाव दिया कि 17,800 और 14,940 वर्ग मीटर जमीन का इस्तेमाल नई जेल बनाने के लिए किया जाए, जबकि बाकी 22,232 वर्ग मीटर जमीन का इस्तेमाल अस्पताल बनाने के लिए किया जाए। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि वह रजिस्ट्रार की सिफारिशों के मुताबिक नई जेल बनाएगी और जब तक जेल पूरी नहीं हो जाती, तब तक पुरानी जेल खाली नहीं की जाएगी।
अस्पताल का निर्माण भी धीरे-धीरे शुरू होगा, ताकि कैदियों की स्थिति पर प्रतिकूल असर न पड़े। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कोर्ट ने सरकार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया कि रजिस्ट्रार की सभी सिफारिशों का पालन किया जाएगा। इस निर्णय के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने बहुप्रतीक्षित अस्पताल परियोजना को अंतिम मंजूरी दे दी है, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को व्यापक बढ़ावा मिलेगा तथा साथ ही कैदियों के अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा होगी।