राजस्थान पुलिस ने राज्य में सक्रिय रोहित गोदारा गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। रंगदारी और फिरौती की मांग से जुड़े बढ़ते मामलों के बीच पुलिस अब इस कुख्यात गिरोह पर कानूनी शिकंजा कसने की कोशिश में जुट गई है। पिछले एक महीने के भीतर राज्य के विभिन्न थानों में रोहित गोदारा और उसके साथियों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, पहला मामला कोटगेट थाने में दर्ज हुआ था, जहां एक व्यापारी से फोन पर रंगदारी की मांग की गई थी। शिकायत में बताया गया कि खुद को रोहित गोदारा गैंग का सदस्य बताने वाले व्यक्ति ने व्यापारी को धमकी दी कि यदि उसने मांगी गई रकम नहीं दी, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
एक महीने में कई FIR, पुलिस सतर्कपुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बीकानेर, श्रीगंगानगर, नागौर और जयपुर जिलों में बीते कुछ हफ्तों में गोदारा गैंग से जुड़े कई फोन कॉल्स और धमकी भरे संदेशों की शिकायतें मिली हैं। इस पर पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट जारी करते हुए गैंग के सदस्यों की लोकेशन और नेटवर्क खंगालने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, गैंग के कई सदस्य जेल में रहते हुए भी मोबाइल नेटवर्क के जरिए धमकी और फिरौती की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इस पर पुलिस अब जेल प्रशासन के साथ मिलकर तकनीकी निगरानी बढ़ा रही है।
पुलिस की रणनीति — गैंग के फाइनेंसरों पर भी निगरानीपुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब सिर्फ गैंग के अपराधियों पर ही नहीं, बल्कि गैंग को आर्थिक मदद देने वाले लोगों पर भी निगरानी रखी जा रही है। आय और संपत्ति के स्रोतों की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को भी जोड़ा गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “गैंग की कमर तब तक नहीं टूटेगी जब तक इसके फाइनेंसर और नेटवर्क का सफाया नहीं किया जाएगा। हमारी टीम पूरे नेटवर्क को डिकोड करने में जुटी है।”
पुलिस जांच में सामने आया है कि रोहित गोदारा गैंग के संपर्क हरियाणा, पंजाब और दिल्ली तक फैले हुए हैं। हाल ही में हरियाणा पुलिस ने भी इस गिरोह से जुड़े कुछ लोगों को हिरासत में लिया था। राजस्थान पुलिस अब उन सभी से पूछताछ कर रही है ताकि राज्य में चल रहे गैंग के ऑपरेशन की जानकारी मिल सके।
साइबर ट्रैकिंग और निगरानी बढ़ीराजस्थान पुलिस की साइबर सेल ने भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है। टीम मोबाइल लोकेशन, सोशल मीडिया अकाउंट्स और फर्जी सिम कार्ड की जांच कर रही है। पुलिस का मानना है कि गैंग के कई सदस्य नाम बदलकर और फर्जी आईडी से काम कर रहे हैं।
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