भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर देशभर में 7 मई 2025 को बड़े पैमाने पर नागरिक सुरक्षा की मॉक ड्रिल की जाएगी। राजस्थान में 28 स्थानों पर होने वाली इस मॉक ड्रिल के तहत शाम 4 बजे अलर्ट सायरन बजेगा और युद्ध जैसी आपातकालीन स्थितियों का अभ्यास किया जाएगा। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा, नागरिकों को जागरूक करना और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास 244 नागरिक सुरक्षा जिलों में एक साथ किया जाएगा। इसके दो मुख्य चरण होंगे, पहला- आत्मरक्षा इकाई की सक्रियता की समीक्षा और दूसरा- नागरिकों को प्रशिक्षित करना।
राजस्थान में 3 श्रेणियों में बांटे गए जिले
बता दें, गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद राजस्थान सरकार ने मॉक ड्रिल की तैयारियों के लिए कमर कस ली है। मुख्य सचिव सुधांश पंत शाम 4 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के अधिकारियों से मॉक ड्रिल की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
1. सबसे संवेदनशील क्षेत्र
रावतभाटा (चित्तौड़गढ़) - परमाणु संयंत्र और यूरेनियम भंडार के कारण
कोटा - रावतभाटा से निकटता और सामरिक महत्व
2. मध्यम संवेदनशील क्षेत्र
इन जिलों में सेना, वायुसेना और अन्य सामरिक महत्व के प्रतिष्ठान हैं। जैसे - जयपुर, अजमेर, अलवर, भरतपुर, जोधपुर, बीकानेर, सूरतगढ़, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, उदयपुर, सीकर सहित 18 स्थान हैं।
3. कम संवेदनशील क्षेत्र
इसमें कुल 8 स्थान हैं, जहां खतरा कम माना जाता है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। ये स्थान हैं फुलेरा, ब्यावर, जालौर, नागौर, पाली समेत कुल 8 स्थान।
राजस्थान में मॉक ड्रिल के लिए स्थान
ड्रिल में क्या-क्या शामिल होगा?
1. हवाई हमले के सायरन की जांच और जागरूकता के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
2. हमले की स्थिति में नागरिकों और छात्रों को सतर्क करना।
3. हवाई हमले के दौरान ब्लैकआउट यानी लाइट बंद करने का अभ्यास।
4. दुश्मन के विमानों से पौधों को बचाने के लिए उन्हें ढकने और छिपाने का प्रशिक्षण।
5. संभावित हमले वाली जगहों को खाली करने का पूर्वाभ्यास।
6. नागरिक प्रशिक्षण - प्राथमिक उपचार, टॉर्च, मोमबत्ती, मोबाइल चार्जिंग, गर्भवती महिलाओं, बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था, नकदी अपने पास रखना (इंटरनेट बाधित होने की स्थिति में)
7. विभिन्न सेवाओं - अग्निशमन, बचाव दल, वार्डन सेवा की त्वरित प्रतिक्रिया का मूल्यांकन
हमले के बाद सुरक्षा तैयारियों का परीक्षण
गौरतलब है कि मॉक ड्रिल ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जब भारत हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की रणनीति बना रहा है। इस पृष्ठभूमि में, पूरे देश में नागरिक सुरक्षा को अलर्ट पर रखा गया है। यह निर्णय दिल्ली में गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया, जिसमें राज्यों के मुख्य सचिव, एनडीआरएफ, एनडीएमए, डीजी फायर, डीजी नागरिक सुरक्षा और वायु रक्षा अधिकारियों ने भाग लिया।
नागरिकों से अपील
प्रशासन ने आम नागरिकों से ड्रिल के दौरान संयम बनाए रखने, अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है। यह अभ्यास न केवल सुरक्षा बलों बल्कि प्रत्येक नागरिक को आत्मनिर्भर और सतर्क बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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