राजस्थान की न्यायपालिका के लिए, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफ़ारिश के बाद हाईकोर्ट में 7 नए जजों की नियुक्ति को मंज़ूरी दे दी है। अब हाईकोर्ट में जजों की संख्या 43 हो गई है। इतिहास में ऐसा दूसरी बार हो रहा है जब यह संख्या 40 के पार पहुँची है।
एक न्यायिक अधिकारी और 6 अधिवक्ताओं की पदोन्नति
संदीप तनेजा को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही, शेष 6 अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है। आपको बता दें कि इनमें जयपुर से चार अधिवक्ता विपिन गुप्ता, अनुरूप सिंघी, संदीप तनेजा और रवि चिरानिया और जोधपुर से दो अधिवक्ता संजीत पुरोहित और बलजिंदर सिंह सिद्धू का चयन वकील कोटे से हुआ है। इतना ही नहीं, न्यायिक सेवा कोटे के तहत न्यायिक अधिकारी संगीता शर्मा को भी जज नियुक्त किया गया है।
नियुक्तियों के लिए रिकॉर्ड तोड़ साल
न्यायिक नियुक्तियों की बात करें तो यह साल राजस्थान हाईकोर्ट के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। इस साल जनवरी में 3, मार्च में 4 और जुलाई में 7 जजों की नियुक्ति हुई। इतना ही नहीं, राजस्थान हाईकोर्ट अब देश का पहला ऐसा न्यायालय बन गया है जहाँ दो दंपत्ति एक साथ जज के तौर पर काम करते हैं।
लंबित मुकदमों का बोझ अभी भी बरकरार
न्यायिक क्षमता में वृद्धि के बावजूद, राजस्थान हाईकोर्ट अभी भी भारी मुकदमों के बोझ से जूझ रहा है। आपको बता दें कि वर्तमान में प्रत्येक जज औसतन 16,000 मुकदमों का निपटारा करता है। हालाँकि हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 50 है, लेकिन अभी तक केवल 36 ही कार्यरत थे। अब हाल ही में हुई नियुक्तियों के बाद यह संख्या बढ़कर 43 हो गई है।
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