राजस्थान में मानसून धीरे-धीरे विदाई की ओर है। राज्य के आधे से ज्यादा हिस्सों से मानसून रुखसत हो चुका है। हालांकि दक्षिणी राजस्थान के कुछ जिलों में फिलहाल मानसून सक्रिय बना हुआ है और वहां बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के अनुसार, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही और उदयपुर जैसे जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश होने की संभावना है। इन क्षेत्रों में सोमवार, 22 सितम्बर तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। इसी को देखते हुए विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
मानसून की विदाई की प्रक्रिया शुरूराजस्थान में हर साल सामान्यत: सितंबर के मध्य से मानसून की विदाई शुरू हो जाती है। इस बार भी लगभग यही स्थिति है। पश्चिमी और उत्तरी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में बारिश का दौर थम चुका है और वहां शुष्क मौसम बना हुआ है। गर्म हवाओं और उमस ने लोगों को एक बार फिर गर्मी का अहसास कराना शुरू कर दिया है। वहीं, दक्षिणी जिलों में अब भी मानसून की मेहरबानी देखने को मिल रही है।
किसानों के लिए राहत, पर चिंता भीबारिश का दौर जारी रहने से दक्षिणी राजस्थान के किसानों को थोड़ी राहत मिली है। खरीफ की फसलों के लिए यह पानी फायदेमंद साबित हो रहा है। खासकर मक्का, सोयाबीन और मूंगफली जैसी फसलें अच्छी स्थिति में हैं। हालांकि, लगातार बारिश से कुछ इलाकों में जलभराव की समस्या भी सामने आ रही है, जिससे किसानों को नुकसान की आशंका बनी हुई है।
शहरों में ट्रैफिक और जलभराव की परेशानीउदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर जैसे जिलों के शहरी क्षेत्रों में बीते दिनों हुई बारिश के चलते निचले इलाकों में जलभराव देखा गया। कई जगहों पर सड़कें पानी से भर जाने के कारण लोगों को यातायात में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने नागरिकों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
आने वाले दिनों का मौसममौसम विभाग ने बताया है कि सोमवार, 22 सितम्बर तक यही मौसम बने रहने की संभावना है। उसके बाद धीरे-धीरे दक्षिणी जिलों से भी मानसून का असर कम होना शुरू हो जाएगा। अनुमान है कि इस महीने के अंत तक राजस्थान से मानसून पूरी तरह विदा हो जाएगा।
विशेषज्ञों की रायमौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल राजस्थान में मानसून सामान्य से थोड़ा कमजोर रहा। कई जिलों में बारिश औसत से कम दर्ज की गई, जबकि दक्षिणी राजस्थान में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। यही वजह है कि प्रदेश के कुछ हिस्सों में सूखे जैसे हालात हैं, तो कुछ हिस्सों में फसलों के लिए पर्याप्त नमी उपलब्ध है।
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