राजस्थान में करीब 13.52 लाख कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके 25 लाख से ज़्यादा परिजनों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाली आरजीएचएस योजना संकट में है। सभी को चिंता है कि कहीं यह योजना बंद तो नहीं होने वाली। वसुंधरा राजे सरकार में 29 जून 2018 को आरजीएचएस के नाम से यह योजना दोबारा शुरू की गई थी और गहलोत राज में 2021 में दूसरी बार। लेकिन 7 सालों में यह योजना कर्ज की भेंट चढ़ गई है।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (एमएए) का कुल बजट 1700 से 1800 करोड़ रुपए है। इसी से आरजीएचएस का भुगतान भी होता है। इस समय 701 निजी अस्पतालों की करीब 1000 करोड़ रुपए की बकाया राशि के कारण 38 लाख लोगों से जुड़ी आरजीएचएस योजना खतरे में है। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि आरजीएचएस को बंद नहीं किया गया है। योजना के सख्त प्रावधानों को लागू करने की तैयारी के चलते निजी अस्पतालों का दबाव है। वहीं, निजी अस्पतालों के संघ ने खुलेआम चेतावनी दी है कि वे 15 जुलाई से आरजीएचएस के तहत इलाज बंद कर देंगे।
यह योजना सात साल पहले 774 निजी अस्पतालों के साथ शुरू हुई थी।
कैशलेस इलाज की यह योजना तत्कालीन वसुंधरा राजे के शासनकाल में 29 जून 2018 को 774 निजी अस्पतालों में शुरू की गई थी। 2021 में, गहलोत राज में इसे आरजीएचएस के नाम से फिर से शुरू किया गया। 3 नवंबर 2022 को, राजस्थान कर्मचारियों और पेंशनभोगियों और उनके परिवारों को कैशलेस और आउटडोर इलाज की ऑनलाइन और पेपरलेस सुविधा प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बन गया।
राजस्थान में 13.52 लाख कर्मचारी और पेंशनभोगी इस योजना के लाभार्थी हैं।
आरजीएचएस में कुल 38.5 लाख लोग इलाज के पात्र हैं।
कुल 2.19 करोड़ आयुष्मान कार्ड हैं।
आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत प्रतिदिन 8200 मरीज इलाज करा रहे हैं।
गहलोत, डोटासरा और जूली का आरोप... सरकार इस योजना को बंद करना चाहती है
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरजीएचएस योजना को लेकर सरकार पर हमला बोला है। गहलोत ने कहा कि निजी अस्पतालों को आरजीएचएस का भुगतान न होने पर आरजीएचएस उपचार बंद करने की चेतावनी दी गई है। वहीं, जूली ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। साथ ही, इन नेताओं का आरोप है कि सरकार जानबूझकर इस योजना को बंद करना चाहती है।
बातचीत के लिए 7 सदस्यीय टीम गठित: सरकार को चेतावनी देने के बाद, निजी अस्पताल संघ ने गुरुवार को सरकार से बातचीत के लिए 7 सदस्यों की एक टीम गठित की। यह टीम आमंत्रण आने पर बातचीत करेगी। हम शांतिपूर्वक काम करना चाहते हैं। पैसा नहीं मिल रहा है और वित्तीय समस्याएं आ रही हैं। हम कोई धमकी नहीं दे रहे हैं, लेकिन पैसा नहीं आ रहा है तो काम करना मुश्किल हो गया है। सरकार बकाया पैसा देकर आगे की राह आसान करे।
You may also like
जनाना अस्पताल में बच्चा बदलने का सनसनीखेज मामला! डायपर खोलते ही खुला राज़, अस्पताल में भिड़े दो परिवार
यूपी में बिजली कटौती की हो रही साजिश! ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की नजर में ये 'बबूल रूपी कर्मचारी' कौन हैं?
Tennis Player Radhika Yadav Murder Case : टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की आखिर उसके पिता ने क्यों कर दी हत्या? पुलिस पूछताछ में अब तक सामने आई क्या वजह?
भारतीय रेलवे ने ट्रेन सुरक्षा के लिए मशीन विजन आधारित निरीक्षण प्रणाली स्थापित की
100 में से 90 लोगों को नहीं पता होगा आलू स्टोर करने का सालों पुराना तरीका, 1 चीज रखने से महीनों तक नहीं होते खराब