जयपुर जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं के परिवहन में अनियमितताओं की पुष्टि अब खुद जिला रसद अधिकारी (डीएसओ) जयपुर ग्रामीण त्रिलोक चंद मीना ने की है। डीएसओ की ओर से गेहूं परिवहन का काम देख रही फर्म को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि जनवरी से मार्च 2024 के बीच परिवहन ठेकेदार ने डिपो से गेहूं तो उठा लिया, लेकिन इसमें से 489 क्विंटल गेहूं राशन की दुकानों तक नहीं पहुंचाया और रास्ते में ही नष्ट कर दिया गया। इस गायब गेहूं की अनुमानित कीमत 12 लाख रुपए से अधिक आंकी गई है।
डीएसओ ने चेतावनी दी है कि यदि ठेकेदार ने यह गेहूं राशन की दुकानों या नए ठेकेदार को नहीं सौंपा तो इसे गबन माना जाएगा और संबंधित फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा। जयपुर शहर के रसद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक ओर जहां गेहूं गायब करने वाले पुराने ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है। वहीं, परिवहन के एवज में करीब 48 लाख रुपए के भुगतान की फाइल तैयार कर सचिवालय में उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। अब अंतिम निर्णय वहीं से होगा कि भुगतान किया जाए या नहीं।
पत्रिका ने लगातार उठाया था मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने जयपुर जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत रास्ते में ही गायब हो रहे गेहूं का मुद्दा लगातार उठाया था। इसके बाद जिले में नया टेंडर जारी कर गेहूं परिवहन का काम दूसरी फर्म को सौंप दिया गया। हालांकि, अभी तक गेहूं गायब करने वाली फर्म के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
गेहूं गायब होने का गणित (क्विंटल में)
जनवरी- 70.30
फरवरी- 125.18
मार्च- 204.34
बकाया- 89.58
कुल- 489.40
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