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मप्रः एनएएफएलडी स्क्रीनिंग के लिए स्वस्थ यकृत मिशन आज से

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भोपाल। नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज की स्क्रीनिंग के लिए स्वस्थ यकृत लीवर मिशन आज (एक जून) से भोपाल सहित पूरे प्रदेश में शुरू किया जा रहा है, जिसमे 30 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की सामुदायिक स्क्रीनिंग जाएगी। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा 21 मई को इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया गया था। ये अभियान लीवर संबंधी बीमारियों की जागरुकता, प्रारंभिक पहचान, उपचार और रोकथाम के लिए चलाया जा रहा है। मिशन के लिए मध्यप्रदेश सरकार और लीवर लवर एंड बिलयरी साइंसेस इंस्टीट्यूट नई दिल्ली के बीच एमओयू साइन किया गया है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताएं प्रारंभिक स्क्रीनिंग करेंगी। संदिग्ध NAFLD मामलों के लिए जांच की जाएगी। बीएमआई 23 से अधिक होने, महिलाओं में कमर का माप 80 सेमी और पुरुषों में 90 सेमी से अधिक होने, मधुमेह का इतिहास होने की जानकारी ली जाएगी। संदिग्ध मामलों की जानकारी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ साझा की जाएगी। इन लोगों को लीवर को स्वस्थ रखने के लिए घर में उपलब्ध पौष्टिक आहार के सेवन, शराब एवं धूम्रपान से दूर रहने की सलाह देकर नियमित फॉलोअप किया जाएगा। FIB-4 स्कोर की गणना के आधार पर प्लेटलेट काउंट, SGOT (AST), SGPT (ALT) जांच की जाएगी। चिकित्सकीय सलाह पर FIBROSCAN किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि पूर्व में विभाग द्वारा असंचारी रोगों की स्क्रीनिंग के लिए निरोगी काया अभियान संचालित किया गया था। जिसमें उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर के अलावा नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज स्क्रीनिंग को भी शामिल किया गया था। अभियान में 50 हजार से अधिक लोगों में नॉन एल्कोहोलिक फैटी लीवर डिजीज की स्क्रीनिंग की गई है। इस सम्बन्ध में मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है जिसमें लीवर के कार्य, लीवर संबंधित समस्याओं, लक्षणों की पहचान, खानपान, व्यायाम एवं जीवनशैली, बीएमआई कैलकुलेशन की जानकारी दी गई है। लीवर का मुख्य कार्य रक्त को साफ करना, विषाक्त पदार्थों को हटाना और पोषक तत्वों को संधारित करना,शरीर में ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित करना, रक्त के थक्के को बनाए रखना, पित्त के उत्पादन, प्रोटीन, विटामिन और खनिज पदार्थों के उत्पादन जैसे कई कार्य लीवर 24 घंटे करता रहता है। लीवर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं जिसमें फैटी लिवर, लीवर फाइब्रोसिस, हेपेटाइटिस, सिरोसिस लीवर कैंसर प्रमुख हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तिवारी ने बताया कि असंचारी रोगों की नियमित जांच करवाकर बीमारियों की गंभीरता को कम किया सकता है। लीवर सम्बन्धी समस्याओं के लिए असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम, वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम में सेवाएं नि:शुल्क दी जा रही हैं। प्रधानमंत्री द्वारा भी खाद्य तेलों के उपयोग को 10% तक कम किए जाने का आह्वान किया गया था। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में जीवन शैली संबंधी बीमारियों के उपचार के साथ-साथ इन बीमारियों की रोकथाम के लिए परामर्श की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।

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