लखनऊ। मंगलवार मड़ियांव इलाके के पल्टन छावनी इलाके के शेलटर होम में श्रमिकों और प्रमुख सचिव श्रम का सीदा संवाद हुआ। इस दौरान मजदूरों का दर्द उनके सामने छलक पड़ा। मजदूरों ने अपनी सभी समस्याएं प्रमुख सचिव श्रम के सामने रखी। इनमें घरेलू कामगर महिला,गिग वर्कर,दिहाड़ी मजदूर,चिकनकारी मजदूर सहित अन्य मजदूर शामिल रहे। प्रमुख सचिव ने सभी की समस्याएं सुनी। उन्होंने मजदूरों के दर्द को समझा। प्रमुख सचिव ने मजदूरों की समस्याओं का निस्तारण जल्द से जल्द करने का आश्वासन दिया है।
दरअसल, विज्ञान फाउंडेशन और इण्डिया लेबर लाइन संस्था की तरफ से श्रमिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन मड़ियांव के पल्टन छावनी के दीनदयाल उपाध्याय शेलटर होम में किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव डॉ एम् के शन्मुगा सुंदरम उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में महिला और पुरुष मजदूर शामिल हुए। इस दौरान विज्ञान फाउंडेशन और लेबर लाइन के माध्यम से लगभग एक हजार मजदूरों तक सहायता पहुंची है।
दिहाड़ी मजदूर संगठन के संतोष यादव ने कहा कि दिहाड़ी मजदूर संगठन असंगठित मजदूरों का संगठन है। मजदूरों के लंबित मामले हैं। श्रमिक साइट नहीं चलती है। इससे हजारों मजदूरों का रिन्युवल नही हुआ है। कैंप के माध्यम से किया जाता है। बकाया मजदूरी के मामले अधिक हैं। श्रम विभाग कोई पोर्टल जारी करे। जिससे समस्याओं का आवेदन कर सके और उसका निस्तारण हो सके।
उमेश गिग़ वर्कर कहा कि मजदूर 16 से 17 घंटे काम करता है लेकिन इस महंगाई में बचत नहीं हैं। बच्चों की उच्च शिक्षा में समस्या आती है। स्विगी इंस्टा मार्केट में 18 घंटे तक काम करना पड़ता है। भविष्य को लेकर चिंता जताई है। दुर्घटना के दौरान कोई सुरक्षा नहीं है। 10 मिनट में डिलीवरी पहुंचने की चुनौती रहती हैं। इससे जान जोखिम में डालकर डिलीवरी करते हैं।
ममता ने बताया कि घरेलू कामगार महिला कि पुरुषों के लेबर कार्ड बने हुए हैं,कामगार महिलाओं के कोई भी कार्ड या रजिस्ट्रेशन नहीं है। काम को लेकर भेदभाव नहीं होता है। महिलाओं को काम के दौरान इज्जत नहीं मिलती है। आमदनी कोई निर्धारित नहीं है। महिलाओं को शौचालय तक इस्तेमाल करने नहीं दिया जाता है।
चिकनकारी का काम करने वाली महिला नूरजहां ने बताया कढ़ाई का काम करने के लिए 60 रुपए की मजदूरी मिलती है। जो कि बहुत कम है।राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड के सीपी सिंह भारत में 50 क्षेत्रीय निदेशालय है,उत्तर प्रदेश में 5 है जिससे पूरे 75 जिलों की मॉनिटरिंग की जाती हैं। इसमें सुधार की जरूरत है। उन्होंने बताया कि ई श्रम कार्ड इसलिए बनाया गया ताकि मजदूरों की सही जानकारी हो सकी। ताकि योजनाओं का लाभ दिया जा सके। श्रमिक चौपाल यूपी के लगभग 6 जिलों में चौपाल विज्ञान फाउंडेशन और लेबर लाइन के माध्यम से दी जाती है। संदीप खरे कहते हैं यह बैठक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि श्रम विभाग के सबसे बड़े मुखिया प्रमुख सचिव श्रम डॉ एम के शम्मुगा सुंदरम मौजूद हैं।
संदीप खरे ने कहा घरेलू कामगारों की संख्या बहुत ज्यादा है। 150 काम करने के तरीके हैं उनमें घरेलू कामगारों का जिक्र है। हाउस टैक्स का आधा प्रतिशत मिल जाए तो एक घरेलू कामगार बोर्ड स्थापित हो सकता है 40 प्रतिशत व्यवसाय ऑनलाइन हुआ है। सेवाओं का तरीका भी बदल रहा है। 100 रुपए में माली मिल जायेगा एक घंटे के लिए। 50 रुपए में आधे घंटे के लिए घरेलू कामगार महिला मिल जाएगी। अतः ऐसे एप पर एक नीति बनाने की आवश्यकता है। बीओसी बोर्ड में 18 सेवाएं है लेकिन कार्ड का नवीनीकरण न हो पाने के कारण उन्हें लाभ नहीं मिल पता है। बीओसी बोर्ड में स्किल बेस ट्रेनिंग दी जाए जिससे लाभ मिल सके। चार साल से मदद मिलना बंद हो गई इससे सरकारी शेल्टर होम में समस्या होने लगी है। इसके कारण शेल्टर होमो की स्थिति खराब हो गई है। चार साल से मदद मिलना बंद हो गई इससे सरकारी शेल्टर होम में समस्या होने लगी है। इसके कारण शेल्टर होमो की स्थिति खराब हो गई है।
विज्ञान फाउंडेशन के गुरु प्रसाद ने बताया कि प्रतिमाह 200 से 250 शिकायत दर्ज होती हैं। सेंटर सिर्फ लखनऊ में है,जिससे अन्य 74 जिलों में शिकायतों को निस्तारण करने में समस्या होती है 1 करोड़ 83 लाख मजदूरी लेबर लाइन ने दिलवाई है। पिछले वर्ष 1463 शिकायत दर्ज हुई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मामले देखने वाले लीगल एडवाइजर परमानंद ने कहा के अध्यक्ष डीएम और सचिव अपर जिला जज होते हैं। कोई मैकेनिज्म नहीं जिससे समस्याओं का समाधान नहीं होता है। उन्होंने कहा कि यदि लीगल एड क्लीनिक की स्थापना हो जाए। इसका जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रावधान है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी वकील निशुल्क उपलब्ध हो जाते हैं। तहसील से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मुफ्त वकील देती है।
प्रमुख सचिव ने शेलटर होम की व्यवस्था देखी

मजदूरों से संवाद के बाद विज्ञान फाउंडेशन के संदीप खरे ने प्रमुख सचिव श्रम डॉ एम् के शंमुन्गा सुंदरम को शेलटर होम की पूरी व्यवस्था दिखाई। इस दौरान प्रमुख सचिव ने मजदूरों के खाने की व्यस्वस्था,सोने की व्यवस्था,शौचालय आदि का निरीक्षण किया।
प्रमुख सचिव श्रम ने अपने कैमरे में कैद की तस्वीरें

निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव श्रम डॉ एम् के शंमुन्गा सुंदरम को विज्ञान फाउंडेशन के संदीप खरे ने मजदूरों के लिए तैयार होने वाले भोजन की सूची दिखाई। खरे ने प्रमुख सचिव श्रम को बताया कि मजदूरों के लिए यहाँ भोजन सिर्फ पचास रूपये में उपलब्ध कराया जाता है। प्रमुख सचिव श्रम ने अपना मोबाइल निकालकर उस भोजन सूची को अपने मोबाईल में कैद कर लिया। इसके साथ ही मजदूरों के लिए डोरमेट्री रूम और सजे हुए बेडों को भी कैमरे में कैद किया।
मजदूरों के बीच आकर पता चला उनका दर्द: प्रमुख सचिव श्रम
श्रमिकों से संवाद के दौरान प्रमुख सचिव श्रम डॉ एम् के शन्मुगा सुंदरम ने कहा है कि मैं जब मजदूरों के बीच आया तो उनका दर्द पता चला है। शासन में और कार्यालय में तो सिर्फ मीटिंग होती है और हम मजदूरों के असली मुद्दे को जान भी नहीं पाते। मेरी पूरी कोशिश रहेगी की जिन मुद्दों को श्रमिकों ने उठाया और उस पर सरकार की मदद से पूरी सहायता पहुंचा सकूँ।
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